
नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है। इसके बाद भी बाजारों में वैसी रौनक नहीं है जैसी होनी चाहिए। आर्थिक मंदी नाम का यह दानव देश की कंपनियों को निर्दयीता पूर्वक मार रहा है। जो उसका सामने करने के लिए आ रहा है, उसके नामों को निशान को खत्म कर रहा है। अगर जल्द ही इस दानव को खत्म नहीं किया गया तो देश की तमाम इंडस्ट्री इसका शिकार हो जाएंगी। इसलिए देश की सभी कंज्यूमर गुड्स और ऑटो कंपनियों ने इस साल के दीपावली से पहले अपना आखिरी हथियार 'ऑफरास्त्र' का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। जो मंदी को मात देने का काम करेगा। आइए आपको भी बताते हैं कि 'ऑफरास्त्र' आखिर है क्या...
छूट और ऑफर्स का नाम ही है 'ऑफरास्त्र'
विभिन्न कंपनियों की ओर से त्योहारी सीजन में आकर्षक ऑफर के साथ ही छूट प्रदान करने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बार खरीददारों को और अधिक खुशी होगी, क्योंकि खुदरा विक्रेताओं द्वारा विभिन्न वस्तुओं पर काफी छूट दी जा रही है। पुराने स्टॉक को निकालने के लिए दी जा रही यह छूट बरतन और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं से लेकर सभी तरह के सामानों पर मिल रही है। पिछले दो दशकों में सबसे खराब बिक्री मंदी का सामना कर रहीं वाहन निमार्ता कंपनियों ने खरीदारों को लुभाने के लिए भारी छूट और अन्य ऑफर दिए हैं। यही ऑफर्स और छूट का नाम ही 'ऑफरास्त्र' है। जिसकी वजह से लोगों में आकर्षण बढ़ेगा और मांग बढ़ेगी।
40 हजार से लेकर एक लाख रुपए से ज्यादा की छूट
सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपने लोकप्रिय मॉडलों पर 40 हजार रुपए से एक लाख एक हजार 200 रुपए तक की छूट और अन्य लाभ दे रही है। होंडा, निसान, हुंडई और रेनो जैसी अन्य कंपनियां भी मंदी को मात देने और प्रतिस्पर्धा के तौर पर कई ऑफर पेश कर रही हैं। आपको बता दें कि ऑटो कंपनियां बीते एक दशक की सबसे बड़ी के दौर से गुजर रही है। प्रोडक्शन एक तरह से खत्म हो गया है। पुराना स्टॉक इतना ज्यादा हो गया है कि उन्हें अगर सही समय पर नहीं बेचा गया तो कबाड़ हो जाएगा। ऐसे में कंपनियां ज्यादा से ज्यादा ऑफर दे रही हैं।
ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक सभी में तीन गुना छूट
वहीं दूसरी ओर ऑफलाइन और ऑनलाइन रिटेलर्स भ छूट दे रहे हैं। ऑफलाइन रिटेलर्स जहां 10 से 30 फीसदी तक की छूट दे रहे हैं, वहीं अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन रिटेलर्स 10 से 80 फीसदी तक की छूट प्रदान कर रहे हैं। दिल्ली स्थित कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( सीएआईटी ) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि मंदी के मद्देनजर पिछले साल की तुलना में इस साल छूट कहीं अधिक है। खंडेलवाल ने कहा, "पिछले साल छूट औसतन पांच से 10 फीसदी तक थी, जबकि इस साल यह 10 से 30 फीसदी तक दी जा रही है।"
Published on:
21 Sept 2019 01:07 pm
बड़ी खबरें
View Allउद्योग जगत
कारोबार
ट्रेंडिंग
