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Big Billion Day से पहले खड़ी हो सकती हैं फ्लिपकार्ट के लिए मुश्किलें, छोटे वेंडर्स ने इस बात को लेकर CCI से की शिकायत

locationनई दिल्लीPublished: Sep 14, 2018 11:50:02 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

करीब 3500 वेंडर्स की सदस्यों वाली आॅल इंडिया आॅनलाइन वेंडर्स एसोसिएशन (AIOVA) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआर्इ) से लिखित शिकायत किया है।

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Big Billion Day से पहले खड़ी हो सकती हैं फ्लिपकार्ट के लिए मुश्किलें, छोटे वेंडर्स ने इस बात को लेकर CCI से की शिकायत

नर्इ दिल्ली। देश की दिग्गज र्इ-काॅमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के लिए एक के बाद एक परेशानियां खड़ी हो रही हैं। अब आॅनलाइन सेलर्स के एक समूह ने फ्लिपकार्ट पर आरोप लगाया है कि वो अपने ‘बिग बिलियन डे’ पर केवल बड़े सेलर्स को ही वरीयता देती है। इनका कहना है कि ये र्इ-काॅमर्स कंपनी बड़े सेलर्स के माध्यम से सामानों के कीमों को प्रभावित करने की कोशिश करती हैं। इसलिए करीब 3500 वेंडर्स की सदस्यों वाली आॅल इंडिया आॅनलाइन वेंडर्स एसोसिएशन (AIOVA) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआर्इ) से लिखित शिकायत किया है। आयोग ने आरोप लगाया है कि देश की ये टाॅप र्इ-काॅमर्स कंपनी सामानों के दाम को प्रभावित करती है आैर रिटेल नेट आैर आेम्निटेक रिटेल जैसे बड़े रिटेलर्स के माध्यम से भारी डिस्काउंट देती है। बता दें कि भारत में र्इ-काॅमर्स कंपनियों को सामानों की कीमतों को प्रभावित करने का अनुमति नहीं है।


अगले माह आने वाला है फ्लिपकार्ट का बिग बिलियन डे
अभी हाल ही में अमरीकी रिटेल कंपनी वाॅलमार्ट द्वारा अधिग्रहण के बाद फ्लिपकार्ट के पास फंड की कोर्इ कमी नहीं है आैर वो आने वाले त्योहारी सीजन में अपने प्रतिद्वंदी कंपनी अमेजन इंडिया को कड़ी टक्कर देने के लिए भारी डिस्काउंट दे सकती है। अगले माह ही फ्लिपकार्ट का वार्षिक सेल ‘बिग बिलियन डे’ आने वाला है। सीसीआर्इ को दायर किए गए अपने याचिका में छोटे वेंडर्स ने आरोप लगाया है कि फ्लिपकार्ट अपने सुविधानुसार सेलर्स को उनके विज्ञापन आैर लाॅजिस्टिक्स जैसे कुछ काॅस्ट आॅफ सेल में कमी देकर वरियता देती है। वहीं एक आम सेलर की बात की जाए तो सर्च में उच्च रैंकिंग पाने के लिए या तो स्पाॅन्सर को फीस देनी होती है या फिर अच्छे रिव्यू आैर रेटिंग्स चाहिए होती है।


र्इ-काॅमर्स सेक्टर में रेग्युलेटरी बाॅडी बनाने की मांग
एक अंग्रेजी अखबार इकोनाॅमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसके पहले भी छोटे आैर मझोले कारोबारी शिकायत कर चुके हैं। पहले भी उन्होंने इस बात की शिकायत की थी कि कर्इ कंपनियां बड़े सेलर्स को वरियता देती हैं जो कि थर्ड पार्टी वेंडर्स के लिए गलत साबित होता है। उन्होंने इसके बारे में सीसीआर्इ समेत कर्इ सरकारी संस्थानों को लिख चुके हैं ताकि इस सेक्टर के लिए किसी रेग्युलेटरी बाॅडी को लाया जा सके। हाल ही में किए गए अधिग्रहण के बाद से ही फ्लिपकार्ट के लिए मुश्किलें खड़ी हो गर्इ हैं। इस डील के विरोध में कर्इ संस्थाआें ने नेशन कंपनी लाॅ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका दायर कर चुके हैं।

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