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इस तारीख से बदल जाएगी काॅल ड्राॅप की परिभाषा, टेलीकाॅम कंपनियों पर होगी बड़ी कार्रवार्इ

Published: Aug 26, 2018 12:41:30 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

अब देश के करोड़ों मोबाइल यूजर को 1 अक्टूबर से नए नियमों के अनुसार मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों को सुविधाएं देनी होंगी, वर्ना कंपनियों को भारी जुर्माना देने के लिए तैयार रहना होगा।

Call drop

इस तारीख से बदल जाएगी काॅल ड्राॅप की परिभाषा, टेलीकाॅम कंपनियों पर होगी बड़ी कार्रवार्इ

नर्इ दिल्ली। ट्रार्इ ने काॅल क्राॅल ड्राॅन होने की परिभाषा को पूरी तरह से बदल दिया। अब सिर्फ काॅल के कट जाने को ही काॅल ड्राॅप नहीं माना जाएगा। अगर आपको मोबाइल फोन पर बात करने के दौरान आवाज भी नहीं आ रही है तो उसे भी काॅल ड्राप माना जाएगा। ट्रार्इ की आेर से कर्इ नियमों में बदलाव किया है। ये नियम अक्टूबर से लागू हो जाएंगे। अगर कंपनियों ने नए नियमों के अनुसार सुविधाएं नहीं दी तो कार्रवार्इ भी बड़ी की जाएगी।

एक अक्टूबर से बदलने जा रहे हैं नियम
अब देश के करोड़ों मोबाइल यूजर को 1 अक्टूबर से नए नियमों के अनुसार मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों को सुविधाएं देनी होंगी, वर्ना कंपनियों को भारी जुर्माना देने के लिए तैयार रहना होगा। कॉल ड्रॉप की परिभाषा तय करते हुए ट्राई ने कहा है कि अब बात करते-करते फोन कटने को ही कॉल ड्रॉप नहीं माना जाएगा। बल्कि अगर बात करने के दौरान आवाज सुनाई नहीं देगी, रुक-रुककर आवाज आएगी, या बात करने के दौरान फोन का नेटवर्क कमजोर होगा तो वो भी कॉल ड्रॉप मानी जाएगी।

कंपनियां बनाती है नेटवर्क का बहाना
प्राप्त जानकारी के अनुसार मोबाइल आॅपरेटर्स नेटवर्क का मुद्दा बनाकर कॉल ड्रॉप के मामले से अपना पीछा छुड़ाने का प्रयास करती हैं। लेकिन ट्रार्इ ने इसे पूरी तरह से बदल दिया है। अब बात करने की किसी भी परेशानी को काॅल ड्राॅप श्रेणी रखा जाएगा। काॅल ड्राॅन की डेफिनेशन को पहली बार 2010 में पहली बार तय किया गया था। वहीं दूसरी आेर ट्राई कॉल ड्रॉप पर नजर रखने के लिए अलग से सिस्टम भी तैयार कर रहा है। जिसके तहत यूजर्स तुरंत इस बात की शिकायत कर सकेंगे।

ये बनाए गए थे नियम
हर मोबाइल टाॅवर से जुड़े नेटवर्क की हर दिन की सर्विस का मिलान होगा। 2 फीसदी से ज्यादा कॉल ड्रॉप होने पर कंपनियों को 5 लाख का जुर्माना देना होगा। वहीं डेटा ड्रॉप पर भी अंकुश लगाने की पहल ट्राई द्वारा की गर्इ है। जिसके तहत महीने के प्लान में डाउनलोड में उपभोक्ता को कम से कम 90 फीसदी तय स्पीड पर सर्विस मिलनी जरूरी है।

 

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