
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए 10 साल की मोहलत दी है। इस फैसले से वैसे तो सभी कंपनियों को फायदा होगा, लेकिन सबसे बड़ी राहत वोडाफोन आइडिया ( Vodafone Idea ) और एयरटेल ( Bharti Airtel ) को मिलेगा, जिन्हें हर साल बकाए की किस्तों के रूप में मोटी रकम चुकानी है। खासकर वोडफोन आइडिया को, इस फैसले के आने से पहले भारत में अपने अस्तित्व को लेकर भी असमंजस में थी। अब सवाल यह है कि क्या कंपनियों को मिली इस राहत का फायदा कस्टमर को मिलेगा? क्या कंपनियां टैरिफ बढ़ाएंगी या फिर राहत का फायदा देते हुए इस पर बाद में विचार करेंगी? आइए आपको भी बताते हैं।
पहले बात वोडफोन आइडिया की
पहले बात वोडाफोन आइडिया की करें तो सबसे बुरी हालत इसी की है। कंपनी पर कुल कर्ज 1.16 लाख करोड़ रुपए का हैै जबकि एजीआर से संबंधित बकाया 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। अभी तक कंपनी ने एजीआर बकाए के रूप में 7900 करोड़ रुपए जमा किए हैं। अगर हिसाब लगाया जाए तो कंपनी की ओर से एजीआर बकाए का 10 फीसदी पहले ही दे दिया गया है। ऐसे में कंपनी कंपनी को दूसरी किस्त भरने के लिए 18 महीने का समय मिल गया है।
एयरटेल भी है लाइन में
वहीं दूसरी ओर भारती एयरटेल की बात करें तो कंपनी पर कुल कर्ज 85900 करोड़ है। कंपनी एजीआर बकाए के रूप में अब तक 18 हजार करोड़ चुका चुकी है। अभी कंपनी को एजीआर का हजार करोड़ रुपए चुकाना बाकी है। ऐसे में एयरटेल पर भी काफी बोझ कम हुआ है और हिसाब करें तो वो भी कोर्ट के आदेश के अनुसार 10 फीसदी का भुगतान कर चुकी है। ऐसे में उसे भी अगली किस्त 2022 में ही चुकानी होगी। बात जियो की करें तो उस पर अभी कोई कर्ज नहीं है। साथ ही एजीआर का भुगतान वो कर चुकी है।
क्या मिलेगा ग्राहकों को फायदा
देश की तीन प्रमुख कंपनियों को एजीआर का भुगतान अभी नहीं करना है। जिसका फायदा आम लोगों को मिल सकता है। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वोडाफोन आइडिया देश में सर्वाइव करने का मौका मिलेगा। जिसकी वजह से उसके कस्टमर को दूसरे नेटवर्क में स्विच करने की जरुरत नहीं होगी। वहीं दूसरी ओर टैरिफ बढ़ाने का विचार करीब एक साल के लिए और टल सकता है। क्योंकि देश की दो कंपनियों को 18 महीनों तक भुगतान नहीं करना है तो इसका फायदा कंपनियां ग्राहकों को दे सकती हैं।
Updated on:
02 Sept 2020 11:52 am
Published on:
02 Sept 2020 11:11 am
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