कंपनी पर घूस देने का लगा था आरोप
कंपनी ने बताया कि यह जुर्माना अमरीकी प्रतिभूति बोर्ड द्वारा लगाया गया है। कंपनी पर सात साल पहले आरोप लगा था कि वो विदेशों में कारोबार शुरू करने के लिए अधिकारियों को घूस देती है।
वॉलमार्ट को भारत, चीन, मैक्सिको और ब्राजील में कारोबार चलाने के लिए अमरीका के भ्रष्टाचार-रोधी नियमों का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया गया है।
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SEC ने दी जानकारी
अमरीकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) के मुताबिक, नियमों का उल्लंघन वॉलमार्ट के बिचौलियों ने किया। बिचौलियों ने बिना उचित मंजूरी के दूसरे देश के सरकारी अधिकारियों को भुगतान किया।
विदेशी भ्रष्ट व्यवहार कानून (FCPA) या एफसीपीए के तहत मंजूरी लेना जरूरी होता है। प्रतिभूति आयोग ने वॉलमार्ट पर एफसीपीए के नियमों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है।
कंपनी पिछले 10 सालों से नियमों का कर रही थी उल्लंघन
कंपनी 10 साल से ज्यादा समय तक भ्रष्टाचार-रोधी अनुपालन कार्यक्रम संचालित करने में विफल रही। इस दौरान कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से विस्तार किया।
आयोग ने कहा कि वॉलमार्ट एसईसी के मामले का निपटान करने के लिए 14.4 करोड़ डॉलर और आपराधिक मुकदमों को समाप्त करने के लिए करीब 13.8 करोड़ डॉलर देने को तैयार है।
इस तरह कुल रकम 28.2 करोड़ डॉलर बैठेगी। प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के प्रवर्तन विभाग के एफसीपीए इकाई के प्रमुख चार्ल्स कैन ने कहा, “वॉलमार्ट ने नियमों अंतरराष्ट्रीय स्तर कारोबार की वृद्धि और खर्चों में कमी को के अनुपालन से ज्यादा महत्व दिया। “
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