
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए सिर्फ रुपयों की जरुरत नहीं है बल्कि उन तमाम हथियारों की भी जरुरत है जिनसे कोरोना वायरस को हराया जाएगा। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर रुपयों से हर चीज खरीदी जा सकती है। फिर चाहे वो घर से खरीदनी हो या फिर बाहर से। तो बात ऐसी है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ऐसे में कोई भी सामान विदेश से इंपोर्ट करना खतरे से खाली नहीं। इसलिए हमें उन हथियारों का निर्माण अपने ही देश में ही करना होगा। ऐसे में सरकार के साथ प्राइवेट कंपनियों ने भी अपने प्लांट और जो कोरोना से लडऩे को हथियार यानी वेंटीलेटर्स और मास्क बना रहे हैं उनकी मदद करने में जुट गए हैं। जानकारों का कहना है कि देश में मौजूदा समय में 40 हजार वेंटीलेटर्स है। जबकि मई मिड तक एक लाख वेंटीलेटर्स की जरुरत है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कौन सी कंपनियों ने वेंटीलेटर्स बनाने के लिए हाथ बढ़ा दिया है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा कर रहा है काम
देश की सबसे पुरानी ऑटो कंपनियों में से एक महिंद्रा एंड महिंद्रा ने देश की दो बड़ी सरकारी कंपनियों के साथ मिलकर वेंटीलेटर्स बनाने का काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने डिजाइन को सरल बनाने सरल करने और उसकी कैपिासिटी बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी बैग वॉल्व मास्क वेंटीलेटर्स के स्वचालित संस्करण के निर्माण पर भी काम कर रहे हैं।
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मारुति सुजुकि और टाटा मोटर्स बना रहे हैं सपोर्ट आइटम
वहीं देश की दो बड़ी ऑटो कंपनियों की ओर से भी मदद के हाथ आगे आए हैं। ये दोनों कंपनियां और कोई नहीं बल्कि मारुति सुजुकि और टाटा मोटर्स हैं। दोनों ही कंपनियों ने सपोर्ट आइटम बनाने के साथ वेंटीलेटर्स बनाने वाली कंपनियों को सहयोग करने की बात ही है।
रिलायंस बना रही है रोज एक लाख मास्क
देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक रिलायंस ने भी देश में इस जंग के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले सामान का निर्माण करना शुरू कर दिया है। रिलायंस कंपनी ने वेंटीलेटर्स बनाने वाली कंपनियों की मदद करने का ऐलान करते हुए ये कंपनी रोज 1 लाख फेस मास्क बनाने की भी बात कही है। वहीं कंपनी बड़े पैमाने पर पीपीई भी बना रही है।
भेल भी जुटा
वहीं देश की नवरत्न कंपनियों में से एक भेल यानी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने वेंटीलेटर्स मेकर्स को वेंटीलेटर्स का प्रोडक्शन बढ़ाने में सहायता करने के लिए उनसे तकनीकी विवरण प्राप्त किए हैं। कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक डिविजन को इस दिशा में काम करने के लिए बोल दिया है।
बीईएल बना रही है 30000 वेंटीलेटर्स
देश की सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड 30,000 वेंटीलेटर्स बना रही है। वहीं हेल्थ मिनिस्ट्री के अंडर में काम कर रही सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर 10,000 वेंटीलेटर्स का निर्माण करने जा रही है। कर्नाटक की मेडिकल उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनी स्कैनरे टेक्नोलॉजी और बीईएल मिलकर वेंटीलेटर्स की डिजाइन को सरल बनाने पर काम कर रही हैं।
Updated on:
30 Mar 2020 03:43 pm
Published on:
30 Mar 2020 02:33 pm
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