यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today : डीजल की कीमत में मामूली गिरावट, पेट्रोल लगातार दूसरे दिन स्थिर
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बुधवार को जानकारी दी गई जानकारी के अनुसार जेपी को कई बार जमीन के बाकी भुगतान के लिए नोटिस दिए गए। इसके बाद भी वो प्राधिकरण को जमीन की देय धनराशि अदा नहीं कर सका। लिहाजा 21 दिसंबर 2019 को पूरे मामले को प्राधिकरण बोर्ड की 66वीं बैठक में रखा गया। बैठक के बाद जेपी को दी गई जमीन का हिसाब-किताब और कानूनी दस्तावेज देखे गए। उसके बाद ही बुधवार को सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जेपी से अरबों रुपये की जमीन वापसी का आदेश जारी कर दिया।
यह भी पढ़ेंः- खाद्य पदार्थाें की कीमतों की वजह से 6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई
जानकारी के मुताबिक, “इस जमीन पर जेपी ने कंट्री होम्स-1, कंट्री होम्स-2, क्राउंस, ग्रीनक्रेस्ट होम्स, बोगन विलियास, विला स्पंजा, स्पोर्ट विला, कासा, कोव, बुद्धा सर्किट स्टूडियो आदि में 4600 लोगों को अलाटमेंट भी दे दिया। इसके बदले में जेपी ग्रुप ने ग्राहकों से करीब 1900 करोड़ रुपए वसूला।”
यह भी पढ़ेंः- बजट में ऐलान के बाद आईटीसी ने बढ़ाए सिगरेट के दाम
प्राधिकरण द्वारा आवंटित हुई जमीन में ही जेपी ने करीब 609 एकड़ जमीन, ‘सबलीज’ करके कई और बिल्डर्स को बेच दी। एक अनुमान के मुताबिक, प्राधिकरण द्वारा जेपी से वापस ली जा रही जमीन की कीमत आज के बाजार भाव के हिसाब से करीब 20 हजार करोड़ रुपये तक भी हो सकती है। वापस ली गई एक हजार हेक्टेयर जमीन सन 2009 में आवंटित की गई थी।
यह भी पढ़ेंः- कोरोना का प्रहार, 14 महीने के निचले स्तर पर विमान निर्माण कारोबार
इसी जमीन के कुछ हिस्से पर जेपी ग्रुप द्वारा बुद्धा इंटरनेशनल फार्मूला वन रेसिंग ट्रैक बनाया गया है।” सीईओ के मुताबिक, “वापस ली गई जमीन पर निर्माणाधीन इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम को अब खुद प्राधिकरण बनवाएगा। साथ ही जो अन्य प्रोजेक्ट्स लंबित या निर्माणाधीन हैं, उन्हें भी पूरा कराने का कोई न कोई रास्ता प्राधिकरण ही खोजेगा। जमीन की जेपी से वापिसी होने के चलते किसी भी थर्ड-पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा।