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रेलवे की चार कॉलोनियां, खंडहर पड़े आवासों में चल रही आपराधिक गतिविधियां

- नहीं कर पा रही मेंटनेंस, कर्मचारी किराए पर आवास लेने को मजबूर।

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रेलवे की चार कॉलोनियां, खंडहर पड़े आवासों में चल रही आपराधिक गतिविधियां

रेलवे की चार कॉलोनियां, खंडहर पड़े आवासों में चल रही आपराधिक गतिविधियां

इटारसी। रेलवे के 03 बंगला, 12 बंगला, 18 बंगला और न्यू यार्ड क्षेत्र की आवासीय कॉलोनियों के सैंकड़ों आवास जर्जर हो चुके हैं। रेलवे इन आवासों का मेंटनेंस नहीं कर पा रही है, जिससे कर्मचारियों को भी आवास नहीं मिलने से किराए के आवासों में रहना पड़ रहा है। वही इन खाली पड़े आवासों में आपराधिक गतिविधियां संचालित हो रही है।


इटारसी रेलवे क्षेत्र में लगभग 4 बड़ी रेलवे की कॉलोनियां है, जहां लगभग 1500 आवास है। इनका रखरखाव रेलवे नहीं कर पा रही है। फलस्वरुप इनमें से करीबन 500 आवास पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुकी है, बाकी जो 1000 आवास बचे हैं, उनमें से करीबन 45 फीसदी आवास जर्जर हो चुके हैं। इनमें रेल कर्मचारी नहीं रहना चाहते हैं। क्योंकि ये आवास कभी भी ढह सकते हैं। इन आवासों की मरम्मत करने की मांग को लेकर रेल संगठनों ने भोपाल मंडल के डीआरएम और जीएम तक को ज्ञापन सौंपकर चुके हैं।


न्यूयार्ड में डीजल और विद्युत लोकोशेड की स्थापना के समय रेलवे ने कर्मचारियों के लिए सैकड़ों आवास निर्मित कराए थे, लेकिन आज आवासों का रखरखाव कार्य रेलवे का संबंधित विभाग नहीं कर पाया। ऐसे में अधिकांश आवास जर्जर हो चुके हैं। कई रेलवे आवास खंडहर हो चुके है। तो कुछ रखरखाव का इंतजार कर रहे हैं। अकेले न्यूयार्ड में ऐसे 250 से अधिक सैकड़ा से अधिक रेलवे आवास खाली पड़े हैं। वहीं कुछ कर्मचारी जर्जर हो रहे आवासों में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। जर्जर आवासों की मरम्मत नहीं होने के कारण अब रेलवे कर्मचारी उक्त आवासों को लेने की वजाय प्राईवेट आवास किराए से लेने के लिए मजबूर है।

जर्जर आवास बने पुलिस के लिए सिरदर्द
रेलवे की इन चारों कॉलोनियों में दर्जनों आवास ऐसे हैं, जिनके दरवाजे, खिड़की चोरी हो चुके हैं। इनमें मात्र दीवारे बची हुई है। ऐसे में असमाजिक तत्व यहां रात में सक्रिय होकर आपारधिक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। यह अब पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुकी है। पिछले दिनों सांसद उदय प्रताप सिंह ने रेलवे से इन खंडहर हो चुके आवासों को तोडऩे को कहा, फिर भी रेलवे कोई कदम नहीं उठा रही है।


वर्जन
इटारसी रेलवे क्षेत्र की कॉलोनियों में खंडहर हो चुके आवासों को तोडऩे की कार्ययोजना रेलवे प्रबंधन तैयार कर रहा है, वही कर्मियों को खाली पड़े आवासों को भी आवंटित करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है।
- सुबेदार सिंह, पीआरओ, पमरे भोपाल।


रेलवे क्षेत्र की चारों कॉलोनियों के खंडहर आवासों को तोडऩे की मांग पमरे की यूनियनों ने प्रबंधन से की है, जिससे इनमें आपराधिक गतिविधियां संचालित हो सकें। वही खाली आवास जल्दी ही कर्मियों को आवंटित की जाएं।
- अर्जुन उंटवार, सदस्य आवासीय समिति, पमरे मजदूर संघ, इटारसी।
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