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एक दर्जन गांवों के किसानों ने बेची मूंग, राशि के लिए बैंक-सोसाइटी के काट रहे चक्कर

- दो माह बाद भी किसानों को नहीं मिला मूंग का भुगतान, एसडीएम दफ्तर का किया घेराव. एसडीएम नीता कोरी ने किसानों से चर्चा कर दिया आश्वासन।

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एक दर्जन गांवों के किसानों ने बेची मूंग, राशि के लिए बैंक-सोसाइटी के काट रहे चक्कर

एक दर्जन गांवों के किसानों ने बेची मूंग, राशि के लिए बैंक-सोसाइटी के काट रहे चक्कर

इटारसी. तरोंदा सहकारी सोसाइटी से जुड़े 54 किसानों को मूंग बेचने के बाद एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान दो माह बाद भी नहीं किया गया है। नाराज किसानों ने सोमवार दोपहर इटारसी एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने पुलिस बल तैनात कर दिया था। भारतीय किसान मजदूर संगठन जिलाध्यक्ष हरपाल सिंह सोलंकी ने बताया दो माह बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया जा सका है। क्षेत्र के एक दर्जन गांवों के किसानों ने तंरोदा सोसाइटी के जरिए वेयरहाउस में मूंग बेची थी।

सोलंकी ने बताया उनका 10 लाख रुपए का भुगतान सोसाइटी में अटका है। कई चक्कर वेयरहाउस और सोसाइटी के लगा चुके हैं। उक्त सोसाइटी से जुड़े गांव घोची तंरोदा, बीलाखेड़ी, बेगनिया, घुघवासा, भट्टी, मरोड़ा, पीपलढांना, मेहरागांव के लगभग 54 किसानों का 1 करोड़ रुपए से अधिक की बकाया है।

बारिश नहीं होने से नुकसान, दिलाएं बीमा राशि

वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महामंत्री हंसराज गावर इटारसी के नेतृत्व में किसानों ने पिछले पखवाड़े क्षेत्र में बिल्कुल बारिश ना होने से खराब हुई धान, मक्का, सोयाबीन के खराब होने पर बीमा राशि दिलाने की मांग की है। किसान गालर समेत मंयक दुबे, सुरेंद्र राजपूत, कपिल कुशवाहा ने बताया बारिश नहीं होने के साथ बिजली भी 10 घंटे तक नहीं मिल रही है। तहसील में खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है। हमारी मांग है कि इन फसलों का सर्वे कराकर उचित बीमा राशि दिलवाई जाएं।

परिजन का नहीं करा सके इलाज, बेटियों की शादी में आएगी परेशानी

जिन 54 किसानों की बकाया राशि अटकी है, उनमें से 90 फीसदी किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिनके पास औसनत 10-15 एकड़ खेत ही है। ग्राम भट्टी के किसान अनिल चौधरी के ढाई लाख रुपए, अशोक चौधरी के 2.83 लाख रुपए अटके हैं। दोनों किसानों ने बताया समय पर यह राशि मिल जाती तो शायद अच्छा इलाज मिलने से उनके परिजन बच जाते हैं। हाल ही में अनिल की चाची और अशोक के मामाजी का निधन हो गया। दोनों किसान के पास औसतन 5 से 7 एकड़ की खेत है। इसमें मूंग बोआई की थी। फसल तो अच्छी हुई पर बेचने के बाद राशि के लिए दर- दर भटक रहे हैं। अशोक ने तो कर्ज लेकर मामा का इलाज करवाया है। अभी तक राशि नहीं मिलने से ब्याज का भार बढ़ता जा रहा है। सोलंकी ने बताया कुछ किसानों की बेटियों की शादी नवंबर के बाद होना है। अगर इनको पैसा नहीं मिला, तो इनकी बेटियों के हाथ पीले होने में परेशानी आ सकती है।

तहसील के ग्रामीण किसान मूंग बिक्री का भुगतान ना मिलने को लेकर आए थे। हमने उनको आश्वस्त किया कि उनकी समस्या का निराकरण करेंगे। हम संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर पता लगाएंगे कि किसानों को भुगतान में क्यों विलंब हो रहा है।

- नीता कोरी, एसडीएम, इटारसी