मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार चुनाव से पहले गरीबों को उनकी जमीन का आवासीय पट्टा देने जा रही है। इसके लिए पहले सर्वे कराई जाएगी। सर्वे में उन व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने आवास बनाने के लिए पट्टा लिया और दूसरे को बेच दिया या फिर उसका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों के पट्टा निरस्त करने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 30 दिसंबर 2020 तक नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि पर काबिज व्यक्तियों को आवासीय पट्टे देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सर्वे का काम चल रहा है, जो जून में पूरा होगा और 31 जुलाई तक पट्टे वितरित कर दिए जाएंगे।
नपा अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को यह शिकायतें मिली हैं कि नगरीय क्षेत्रों में आवास बनाने के लिए सरकार ने जो पट्टे दिए थे, उनका दुरुपयोग किया गया है। जिस व्यक्ति को पट्टा दिया गया था, उसने या तो उसे बेच दिया या फिर किराए पर दे दिया। एक व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक पट्टा होने की बात भी सामने आई है। इसे देखते हुए विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे पट्टे के भूमि पर अवैध रूप से काबिज या उसका दुरुपयोग करने वालों की जांच करें। अभिलेख एकत्र करके सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रारंभ करें।
2020 से पहले मिले पट्टाधारियों को कर रहे शामिल नगरपालिका के अध्यक्ष पंकज चौरे ने का इस संबंध में कहना है कि शहर के नगरपालिका क्षेत्र में ऐसे कितने पट्टे वाले हैं, जोकि जमीन का दुरुपयोग कर रहे हैं का सर्वे हम कर एसडीएम को जांच रिपोर्ट देंगे। एसडीएम इस जांच रिपोर्ट को कलेक्टर को भेजेंगे। फिलहाल शहर के नगरपालिका क्षेत्र में ऐसे कई पट्टेधारी लोग होंगे, जो सरकार से मिली अपनी जमीन को बेच दी है या दूसरे को किराए पर दी है, या मिसयूज कर रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या फिलहाल बता पाना मुश्किल है। प्रयास करेंगे कि 30 जून से पहले यह काम हो जाएं। इसमें 2020 से पहले मिले पट्टाधारियों को शामिल कर रहे हैं।