26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

6 00 से ज्यादा वेंडर हुए बेरोजगार, 8 ० फीसदी से ज्यादा भिंड वापस लौटे..

-लॉक डाउन में 55 दिन से स्टेशन पर पसरा है सन्नाटा

2 min read
Google source verification
itarsi, railway station, stall,trooly, vendour, unemployment

itarsi, railway station, stall,trooly, vendour, unemployment

इटारसी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू हुए लॉकडाउन के साइड इफेक्ट से रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले वेंडर और उनके परिवार नहीं बच पाए हैं। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही बंद होने और खानपान कारोबार में विराम लगने से 6 00 से ज्यादा वेंडर बेरोजगार हो गए हैं। इन वेंडरों के बेरोजगार होने से उन पर निर्भर 2 हजार से ज्यादा परिजनों की भी रोटी की आफत हो गई है। बेरोजगारी और भुखमरी से बचने इनमें से ८० फीसदी वेंडर अपने गृह जिले भिंड वापस जा चुके हैं।
-------------------
50 दिन से बंद है टे्रनों का संचालन
रेलवे ने 21 मार्च से टोटल लॉक डाउन की घोषणा की थी जिसके बाद से यात्री ट्रेनों का संचालन बंद है। करीब ५० दिन से यात्री ट्रेनों की आवाजाही इटारसी जंक्शन पर बंद होने के बाद से ही खानपान लाइसेंसियों का कारोबार ठप पड़ा है। प्लेटफॉर्मों पर खानपान लाइसेंसियों के स्टॉलों पर काम बंद है और पूरा स्टेशन परिसर सूना पड़ा है जिससे वेंडरों का भी स्टेशन पर कोई काम नहीं बचा है।
-----------------
२० स्टॉलों पर ६०० से ज्यादा वेंडर
रेलवे जंक्शन पर खानपान लाइसेंसियों के करीबन 20 स्टॉल हैं। इन सभी के वेंडरों की कुल संख्या करीब 6 00 है। यह सभी लॉक डाउन के पहले तक खानपान सामग्री बेचकर कमीशन के तौर पर रोजीरोटी कमा रहे थे जो पिछले 55 दिन से बंद पड़ी है।
-------------------
गर्मी में होता था 10 करोड़ का कारोबार
रेलवे स्टेशन पर गर्मी में खानपान लाइसेंसियों का सर्वाधिक कारोबार होता है। उत्तरभारत जाने वाली करीब 100 यात्री ट्रेनों को फोकस करके खानपान ठेकेदार काम करते हैं। लॉक डाउन के कारण यह सभी ट्रेनें बंद होने से इस बार करीब 10 करोड़ रुपए का नुकसान खानपान के कारोबार से जुड़े लोगों को हुआ है। सबसे बड़ा असर स्टेशन पर काम करने वाले वेंडरों को हुआ है जो बेरोजगार हो गए हैं।
----------------------
यह है इटारसी स्टेशन की स्थिति
स्टेशन का नाम- इटारसी जंक्शन
स्टेशन का दर्जा- ए ग्रेड
प्लेटफॉर्म संख्या- ०७
ट्रेनों की संख्या-२००
स्टॉलों की संख्या-२०
रिफ्रेशमेंट रूम-०१
कुल लाइसेंसी- करीब १४
जमा लाइसेंस फीस- करीब ५ करोड़
गर्मी के 3 महीने में कारोबार- करीब 10 करोड़
पिछले 50 दिन में कारोबार- निरंक
------------------------------
इनका कहना है
लॉक डाउन के कारण स्टेशन से रोजी-रोटी कमाने वाले सैंकड़ों वेंडर बेरोजगार हो गए हैं। उनका परिवार पालना मुश्किल हो रहा है क्योंकि ना तो काम मिल रहा है और ना ही आय हो रही है।
राजकुमार बघेल, वेंडर

हमने इतने बुरे दिन कभी नहीं देखे हैं। हमारे जितने साथी वेंडर थे सभी बेरोजगार हो गए हैं। 8 0 प्रतिशत लोग तो अपने परिवार लेकर अपने घर वापस लौट गए हैं। अब यहां थोड़े बहुत वेंडर बचे हैं वे भी आर्थिक समस्या से परेशान हैं।

संतोष खान, वेंडर
खानपान का कारोबार ही बंद हैं ऐसे में हम भी क्या कर सकते हैं। जो मदद हो सकती है वह उन्हें समय-समय पर करते रहते हैं। अधिकांश वेंडर तो यहां से जा चुके हैं।
शिवाकांत पांडेय, खानपान लाइसेंसी रेलवे

स्टेशनों पर खानपान कारोबार चालू कब तक होगा यह अभी कहना मुश्किल है। लाइसेंसियों की जो डिमांड है वह नीतिगत मैटर है इस पर वरिष्ठ अधिकारी ही निर्णय करेंगे।
आईए सिद्दकी, जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मंडल
------------------------------