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इटारसी। केसला ब्लॉक में सरकारी स्कूलों के बच्चों दी जाने वाली ड्रेस सिलाई में लगे स्वसहायता समूह या तो मौके पर हैं नहीं या जिन समूहों के लोग काम करने का दावा कर रहे है उनके सदस्य काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों द्वारा दिसंबर में डे्रस सप्लाई का काम पूरा करने का दिया गया आश्वासन पूरा होने की उम्मीद नहीं हैं। पत्रिका ने जब मौके पर जाकर पड़ताल की तो चौंकाने वाले हालात सामने आए हैं।
केसला के तीन गांवों में स्वसहायता समूहों की जानकारी ली तो गई। केसला जनपद अध्यक्ष की पंचायत में तो स्वसहायता समूह ही नहीं मिला जिसे डे्रस सिलने का काम दिया गया था। नागपुर कला पंचायत में समूह अध्यक्ष ने जिन सदस्यों के नाम बताए जब उनसे मुलाकात की तो उन्होंने कहा हमें कोई काम नहीं मिला है।
- यह है योजना
केसला ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में अभी तक स्कूल ड्रेस नहीं मिल पाई है। इस सत्र में स्कूल के बच्चों को टाई-बेल्ट और ब्लेजर देने की योजना थी। ३० सितंबर और १५ अक्टूर तारीख देकर स्कूल डे्रस की सप्लाई के डेडलाइन दी गई थी एक बार फिर से दिसंबर में आखिरी तक का समय दे दिया गया लेकिन काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया है या यूं भी कह सकते हैं हो ही नहीं रहा है। शिक्षा विभाग ने सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में नए सत्र से छात्रों को टाई व बेल्ट लगाना अनिवार्य किया है इधर छात्राओं को ब्लेजर पहनना होंगे।
नागपुर कला में हालात
- नागपुर कला पंचायत में सरस्वती आजीविका स्वसहायता समूह की अध्यक्ष कामिनी राजपूत के निवास पर पत्रिका टीम पहुंची। यहां उनसे बात की गई। समूह अध्यक्ष ने जो जानकारी दी जब उसको क्रास चेक किया गया तो उनकी कई बातें झूठ साबित हुई।
सवाल- आपको कितनी डे्रस बनाना है, कितने सदस्य हैं और कहां काम चल रहा हैं?
जवाब- हमें १७१० डे्रस बनाना है। हमारे समूह में १२ सदस्य है लेकिन पांच-छह सदस्य ही डे्रस सिलाई कर रही हैं। सभी अपने-अपने घरों पर सिलाई कर रही है।
सवाल- एक दो सदस्यों के नाम बता दीजिए जो काम रही हैं।
जवाब- अनिता राजपूत, अशोक बाई राजपूत, किरन तोमर, रेखा पाल, सुमन उइके।
जब सदस्यों से मिले तो यह मिली स्थिति
- समूह अध्यक्ष के बताए गए सदस्यों से मुलाकात की गई। आयुध निर्माणी के सोलह नंबर क्षेत्र के पास रहने वाली रेखा पाल के घर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उनके पास तो सिलाई मशीन ही नहीं है और उन्हें तो पता ही नहीं है कि ऐसा कोई काम हो रहा है। रेखा पाल के घर के पीछे ही सुमन उइके के घर गए तो उनके घर ताला लगा था। लोगों ने बताया कि वह तो खेत पर रहती हैं। बाद में किरन तोमर तो मिले तो उन्होंने बताया कि वह कोई काम नहीं कर रही है।
दौड़ी झुनकर के हालात
- दौड़ी झुनकर में तीन समूह को काम दिया गया है। इसमें दौड़ी में आस्था आजीविका स्वसहायता समूह और पूनम स्वसहायता समूह की कुछ सदस्य काम करते हुए मिली है। लेकिन झुनकर में तो स्वसहायता समूह ही नहीं मिला। झुनकर गांव जनपद अध्यक्ष गनपत उइके का गांव है। यहां कोई समूह ऐसा कोई काम करते नहीं मिला।
- जनपद अध्यक्ष ने यह बताया
जनपद अध्यक्ष गनपत उइके से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसे कोई समूह के बारे में उन्हें पता नहीं है और न ही कोई डे्रस सिलाई का काम हो रहा है।
१५ समूहों को मिला है काम
- खुशबू अजीविका स्वसहायता समूह झुनकर, आस्था अजीविका स्वसहायता समूह दौड़ी, पूनम अजीविका स्वसहायता समूह दौड़ी, रश्मी अजीविका स्वसहायता समूह देहरी, सरस्वती अजीविका स्वसहायता समूह नागपुर कला, चाइना बाबा अजीविका स्वसहायता समूह रैसलपाठा, जगदंबा अजीविका स्वसहायता समूह भट्टी, महादेव अजीविका स्वसहायता समूह सारादेह, कान्हा अजीविका स्वसहायता समूह भट्टी, शीतला अजीविका स्वसहायता समूह सोनतलाई, लक्ष्मी अजीविका स्वसहायता समूह बोरखेड़ा, उज्जवला अजीविका स्वसहायता समूह नागपुर कला, तुलसा अजीविका स्वसहायता समूह कालाआखर, मां बमलेश्वरी अजीविका स्वसहायता समूह सुखतवा, मीरा अजीविका स्वसहायता समूह पथरौटा
इनका कहना है
- बहुत बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। इस मामले में लोकायुक्त में शिकायत की जाएगी। स्वसहायता समूह से काम नहीं कराया जा रहा है ऐसा लगता है कमीशन पर एनवक्त पर सिली हुई डे्रस दे दी जाएगी।
अजय महालहा, जनपद सदस्य
- ग्रामीण अजीविका मिशन प्रबंधक धर्मेंद्र गुप्ता से सीधी बात
सवाल- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वासहायता समूह काम नहीं कर रहे हैं।
जवाब- नहीं स्वसहायता समूह काम कर रहे हैं। यदि आप पहले बता देते तो आपको सभी से मिलवा देते।
सवाल- जनपद अध्यक्ष के गांव में ही समूह नहीं मिला।
जवाब- जनपद अध्यक्ष को चलते-चलते जानकारी दी गई थी। उन्हें इस बारे में ज्यादा पता नहीं हैं।
सवाल- कुछ समूह मिले नहीं है और कुछ के तो सदस्य काम ही नहीं कर रहे।
जवाब- आपके द्वारा जानकारी मिली है जो संबंधित प्रभारी से बातचीत करके जल्द ही काम सुचारू कराया जाएगा।
स्पॉट वेरीफिकेशन कराया जाएगा। इस मामले में जांच भी कराई जाएगी। यदि कोई गड़बड़ी है तो उसमें कार्रवाई भी होगी।
दिलीप कुमार, सीईओ केसला जनपद
Published on:
24 Dec 2018 07:50 pm
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