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संजीव श्रीवास्तव और राजा शेफी ने की थी जालसाजी, एफआईआर दर्ज

फर्जी रजिस्ट्री मामले में एआरआई संजीव श्रीवास्तव और सर्विस प्रोवाइडर राजा सैफी जाएंगे जेल

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Fake registry, forgery, Sanjeev Srivastava, Raja Shefi, Shankar Rasal, nyas colony, Itarsi

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इटारसी. न्यास कॉलोनी में सार्वजनिक उपयोग की जगह को प्लॉट बनाकर बेच देने के मामले में पुलिस ने दस्तावेजों में कूटरचना कर जालसाजी करने का मामला दर्ज किया है। रविवार को पुलिस ने नगर पालिका में सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव और सर्विस प्रोवाइडर राजा सैफी पर दर्ज किया है। दोनों को दोपहर में करीब १ बजे हिरासत में लिया गया था।

इस मामले में शंकर पिता अशोक रसाल ने शिकायत की थी कि उसे समाचार पत्र में पढऩे के बाद इस बात का पता चला कि उसे फर्जी तरीके से प्लॉट बेच दिया गया है। इस आवेदन पर जांच के बाद पुलिस ने गांधीनगर निवासी एआरआई संजीव पिता रामशंकर श्रीवास्तव और तेरहवीं लाइन निवासी युसूफ अली राजा शैफी पिता शब्बीर हुसैन के खिलाफ धारा ४२०, ४६७, ४६८, ४७१ का मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि इस खबर को सबसे पहले पत्रिका ने प्रकाशित की थी। इसके बाद हुई जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर संजीव श्रीवास्तव को निलंबित किया गया था।

यह है पूरा मामला
मुख्य नगर पालिका अधिकारी की ओर से अधिकृत हस्ताक्षकर्ता सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव द्वारा २० मार्च २०१८ को उप पंजीयक कार्यालय इटारसी में ई पंजीकरण संख्या एमपी१६९७९२०१८ए११८०४९१ के माध्यम सराफा बाजार निवासी शुभांगी रसाल पत्नी शंकर रसाल का लीज डीड पंजीयन कराया गया है। इसके लिए श्रीवास्तव ने ९ लाख रुपए प्रीमियम प्रतिफल प्राप्त कर लिया है। इसकी शिकायत कन्हैया गुरयानी ने की थी।
- यह किया गया था फर्जीवाड़ा
सहायक राजस्व निरीक्षक ने न्यास कॉलोनी प्रियदर्शनी नगर में खाली भूखंड को एलआईजी८१-ए बनाया। बाद में इस भूखंड का लीज डीड पंजीयन करा दिया है। इसके लिए जो राशि प्रीमियम के रूप में ली वह राशि नगर पालिका के कोष में जमा ही नहीं कराई।

- दरअसल नगर पालिका परिषद इटारसी नगर विकास प्रकोष्ठ द्वारा प्रियदर्शनी नगर में ८० नग एलआईजी ए टाइप भूखंड प्रत्येक का रकबा ७२.०० वर्गमीटर अर्थात ८०० वर्ग फिट के विकसित किए थे। इसमें सार्वजनिक उपयोग की छोड़ी गई जगह को एलआईजी ८१ ए नंबर देकर यह भूखंड बेचा गया।

- यहां सभी भूखंड ७२ मीटर मतलब ८०० वर्गफीट के हैं लेकिन एलआईजी ८१ ए का रकबा १००० वर्गफीट बना दिया गया था।


इस मामले में शासन से दस्तावेज मांगे गए थे जो उपलब्ध कराए गए थे। अपराध दर्ज तो होना ही था क्योंकि दस्जावेज में सरासर गड़बड़ी की गई थी।
हरिओम वर्मा, सीएमओ इटारसी

दस्तावेज में कूटरचना करना फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराई गई है। इस मामले में शंकर रसाल की शिकायत पर आरोपी संजीव श्रीवास्तव और युसूफ अली राजा शेफी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।
आरएस चौहान, टीआई इटारसी