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यहां फिर से टापू बनेंगे 25 गांव

सालभर पहले बारिश में बह गया था पुल : प्रशासन तैयार नहीं करा सका एस्टीमेट

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25 villages will be Island here again

25 villages will be Island here again

सिहोरा. तहसील मुख्यालय से 12 किमी दूर बरनू नदी के दूसरी तरफ बसे 25 गांव का आवागमन बारिश में फिर थमेगा। साल भर पहले बारिश के कारण कटरा-रमखिरिया गांव में बना पुल बह गया था। साल भर बीतने को है, लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी पुल निर्माण की बात तो दूर इसका एस्टीमेट तक नहीं बना पाए। बारिश में बहा पुल अब भी उसी स्थिति में है।

वर्ष 2019 में अगस्त माह में हुई जोरदार बारिश के दौरान रमखिरिया कटरा मार्ग पर बरनू नदी पर बना करीब 27 साल पुराना पुल बह गया था। पुल के बहने से दूसरी तरफ बसे करीब 25 गांव के ग्रामीणों का आवागमन माह तक बंद पड़ा था। सम्बंधित गांव के ग्रामीण और छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर दूसरी तरफ आने के लिए मजबूर थे।

कलेक्टर ने दिए थे एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश
सिहोरा विधायक नंदनी मरावी ने कटरा रमखिरिया पुल के शीघ्र निर्माण को लेकर कलेक्टर भरत यादव को ज्ञापन सौंपा था। कलेक्टर भरत यादव ने लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए थे। साल भर बीत गया, लेकिन कौन विभाग इसका एस्टीमेट तैयार कर रहा है, इसका अता-पता ही नहीं है।

इन गांव के लोग होंगे परेशान
घुटना ग्राम के कृष्ण कुमार दुबे, अनंत नौगरहिया, बुद्धू साहू, अशोक पटवा, महेंद्र गुप्ता, नेमचंद पाटकर, चंदन सिंह, वीरेंद्र राजपूत रोहणी बिलोहा,अशोक मिश्रा, रवि मिश्रा, मुन्ना कुशवाहा, शिव कोल ने बताया कि साल भर बीत गए, लेकिन अभी तक पुल के निर्माण की कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुल नहीं बनने से दूसरी तरफ बसे कटरा, रमखिरिया, सिमरिया, मान गांव, पंच कुंडी, घुटना, पौड़ी सहित डेढ़ दर्जन से अधिक गांव का आवागमन ठप हो जाएगा।

कटरा-रमखिरिया गांव के बारिश में बह गए पुल को बनाने के लिए एस्टीमेट भोपाल भेजा गया था, लेकिन उसे स्वीकृति नहीं मिली। इस सम्बंध में कलेक्टर से बात की है। उन्होंने ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को दोबारा एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
नंदनी मरावी, विधायक, सिहोरा

कलेक्टर के निर्देश पर मौके पर पुल को देखने के लिए गए थे। एस्टीमेट तैयार करके भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही पुल निर्माण का काम शुरू किया जाएगा।
गौरीशंकर खटीक, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जबलपुर