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चालान पेश होने के बाद दी जा सकती है अग्रिम जमानत

हाइकोर्ट ने कहा  

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हाईकोर्ट

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि मामले में चालान पेश हो जाने व मुख्य आरोपी को जमानत मिलने के बाद अन्य आरोपियों को अग्रिम जमानत दी जा सकती है। जस्टिस बीके श्रीवास्तव की सिंगल बेंच ने इस अभिमत के साथ दहेज के लिए बहू को प्रताडि़त कर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी सास-ससुर रीवा निवासी रजनी व अशोक पुरसवानी की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली। आवेदकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त व अधिवक्ता निशांत वर्मा ने तर्क देते हुए कोर्ट को बताया कि आवेदकों के पुत्र जितेंद्र पुरसवानी का विवाह 2012 में वंशिका से हुआ । दिसम्बर 2019 में वंशिका ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मृतका के पति जितेंद्र को मुख्य अभियुक्त व सास-ससुर रजनी व अशोक को सह अभियुक्त बनाया। इस मामले में मुख्य अभियुक्त जितेंद्र को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। लिहाजा, सह अभियुक्तों को भी अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए। ट्रायल कोर्ट में चालान पेश होने के अलावा बयान दर्ज हो चुके हैं। ऐसी परिस्थिति में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए।