पीड़िता की जुबानी हैवानियत की आपबीती
19 साल की पीड़िता नंदिता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि फरवरी 2020 में दोपहर में घर के पास ही रहने वाली एक सहेली उसे बुलाकर अपने घर ले गई थी जहां पहले ही विवेक पटेल, सहेली का भाई दुर्गश और उसकी चाची राधिका मौजूद थीं। घर में पहुंचते ही विवेक उसे पकड़कर एक कमरे में ले गया और उसके साथ रेप किया। रेप करने के बाद विवेक ने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा। वो डर के कारण खामोश रही। लेकिन दुष्कर्म के दर्द के कारण वो मन ही मन घुटती रही और एक महीने बाद शर्मिंदगी बर्दाश्त न कर पाने के कारण जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। लेकिन तबीयत बिगड़ने पर परिवार के लोग अस्पताल लेकर पहुंच गए जहां तहसीलदार और पुलिस को अपने साथ हुई हैवानियत के बारे में बताया। पुलिस ने मामला दर्ज कर सहेली, उसके भाई और चाची को गिरफ्तार कर लिया लेकिन तब विवेक फरार हो गया। हालांकि चार महीने बाद पुलिस ने विवेक को भी पकड़कर जेल भेज दिया।
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जेल से छूटकर आया तो किया गैंगरेप
पीड़िता नंदिता (बदला हुआ नाम) ने आगे बताया कि दो साल बाद बीते दिनों जून के महीने में विवेक जेल से जमानत पर छूटकर आया और उस पर व परिवारवालों पर केस को वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगा। इस बार उसने घर के पूर्व नौकर रामू को भी अपने साथ मिला लिया और 28 जून को दोनों घर में रात के वक्त घुस आए। मेरे साथ रेप किया और वीडियो व तस्वीरें भी खींच लीं जिन्हें वायरल करने की धमकी दे रहे हैं। इस बार भी वो दरिंदे के डर से चुप रही लेकिन बीते दिनों 26 जुलाई को जब भाई पेशी पर गया तो विवेक ने उसे केस वापस करने के लिए धमकाया और रेप के वीडियो भी दिखाए। जिसके बाद भाई ने घर आकर पूरी बात माता-पिता को बताई। आरोपी के भाई को धमकाने के बाद पीड़िता नंदिता ने चुप्पी तोड़ी और दोबारा हुई हैवानियत के बारे में परिवारवालों को बताते हुए फिर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने आगे कहा कि विवेक ने उसकी जिंदगी नर्क बना दी है और अब वो उसे नहीं छोड़ेगी। हालांकि विवेक व उसका साथी रामू फरार हो चुके हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।