
Nursing College in mp
जबलपुर. मध्य प्रदेश सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी नियम में संशोधन किया है। नियम में ढील देते हुए नर्सिंग कॉलेज के संचालन के लिए 23 हजार वर्गफीट के भवन की अनिवार्यता को शिथिल कर दिया है। अब 8 हजार वर्गफीट के भवन में नर्सिंग कॉलेज शुरू किए जा सकेंगे। सरकार ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में नियमों के संशोधन की रिपोर्ट पेश की, जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई है।
- नियम में ढील दिए जाने की रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की
- अब आठ हजार वर्गफीट के भवन में खुलेंगे नर्सिंग कॉलेज
- पहले 23 हजार वर्गफीट के भवन की थी अनिवार्यता
- पात्र पाए गए नर्सिंग कॉलेजों मिलेगी मान्यता
मामले पर जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। नर्सिंग फर्जीवाड़े की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने शिक्षण सत्र 2022-23 के लिए उन कॉलेजों के छात्रों के पंजीयन की अनुमति दे दी है, जिन्हें सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है। इसके अलावा कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को शैक्षिणक सत्र 2024-25 के लिए पात्र पाए गए कॉलेजों की मान्यता की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति भी दे दी है। मामले पर अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित की है।
बताया आइएनसी के प्रावधान का उल्लघंन
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने मान्यता संबंधी संशोधित नियम प्रस्तुत किए। नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता के नियमों में बदलाव हुए 2024 के नए नियम बना दिए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने ये नियम नर्सिंग पाठ्यक्रमों को रेगुलेट करने वाली अपेक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के प्रावधानों के विपरीत हैं।
Published on:
24 Feb 2024 01:24 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
