
मैप आइटी ने तैयार किया 'सार्थक' एप
ये है स्थिति
- 4030 लोगों ने अपलोड किया ऐप
- 168 लोग पाए गए सस्पेक्टेड
- 25 से अधिक लोगों को टेस्ट के लिए भेजा।
जबलपुर। कोरोना से जुड़े नजदीकी अस्पताल, सैम्पल संग्रहण केंद्र की दूरी, फीवर क्लीनिक आदि की जानकारियों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से जारी 'सार्थकÓ लाइट ऐप को डाउनलोड करने में जिले के लोग पीछे हैं। केंद्र एवं राज्य शासन के जबलपुर शहर में भी मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों के लिए ऐप डाउनलोड करना जरूरी था। आम लोगों के लिए भी यह उपयोगी है। इसके बावजूद अभी तक करीब चार हजार लोग ही इससे जुड़ पाए हैं। केंद्र सरकार के आरोग्य सेतु ऐप की तरह प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश से जुड़ी कोरोना से सम्बंधित जानकारियों को अपडेट रखने के लिए सार्थक लाइट ऐप बनाया है। यदि कोई व्यक्ति बुखार, कफ और खांसी जैसे लक्षणों की जानकारी ऐप पर अपलोड करता है तो स्वास्थ्य विभाग तुरंत कार्रवाई करता है।
25 हजार एसएमएस भेजे
कलेक्टर भरत यादव समय सीमा बैठकों में अधिकारी-कर्मचारियों के साथ आम लोगों से भी इस ऐप का उपयोग करने के लिए कहते रहे हैं। उन्होंने जिले में तैनात सभी केंद्र और प्रदेश शासन के अधिकारी-कर्मचारियों से इसके लिए एसएमएस भेजने के लिए भी कहा था। जिला एनआईसी के टेक्निकल डायरेक्टर आशीष शुक्ला ने बताया कि अधिकारी-कर्मचारियों को ऐप से सम्बंधित 25 हजार एसएमएस भेजे जा चुकें हैं। सार्थक लाइट ऐप की जानकारी प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे ऐप से लिंक है। यदि जिले में कोई व्यक्ति कोरोना संदिग्ध या संक्रमित होता है तो उसके मोबाइल पर ऐप को अपलोड कराया जाता है।
ये है ऐप में
प्रदेश सरकार की ओर से लांच किए गए ऐप में कोविड-19 से जुड़े नजदीकी अस्पताल का नाम, नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर आदि उपलब्ध है। अस्पताल में उपलब्ध सामान्य बेड, ऑक्सीजन सपोर्ट बेड और आईसीयू बेड की संख्या भी समय-समय पर अपडेट की जाती है। कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि कोरोना से सम्बंधित जानकारी और सुविधाओं के लिए सार्थक लाइट ऐप शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के साथ आम लोगों के लिए भी उपयोगी है। लोगों को इसे मोबाइल में जरूर अपलोड करना चाहिए।
Published on:
17 Aug 2020 08:50 pm
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