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सेना को मिलेगी जबलपुर से ताकत

अगस्त में मिलेंगी आठ धनुष तोप, जबलपुर स्थित जीसीएफ में तैयारी तेज, दो तोप की हो चुकी प्रूफ फायरिंग

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यह है स्थिति
- तोप में 81 प्रतिशत से ज्यादा कंपोनेंट स्वदेशी।
- एडवांस गन साइटिंग सिस्टम से लैस है तोप।
- तीन मिनट में 12 राउंड तक कर सकती है फायर।
- दिन और रात में दुश्मन पर निशाना साधने में सक्षम।
- दूसरे वाहन के सहारे 70 किमी तक प्रति घंटा की रफ्तार।
- अब तक छह तोप सेना को हो चुकी है डिस्पैच।
- 38 से 40 किमी की दूरी तक गोला दागने की क्षमता।

जबलपुर। देश की सेना के पास अगस्त में आठ धनुष तोप की ताकत और जुड़ जाएगी। जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री ने इतनी तोप की सुपुर्दगी के लिए तैयारी तेज कर दी है। 40 किलोमीटर तक गोला दागने वाली तोप की प्रूफ फायरिंग बालासोर फायरिंग रेंज में हो चुकी है। जनता कोरोना कफ्र्यू की वजह से आगे का काम रुक गया था। अब दूसरी छोटी-छोटी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। शहर में कोरोना के संक्रमण की वजह से आयुध निर्माणियों में भी उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसमें सबसे बड़े प्रोजेक्ट के रूप में शामिल 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप भी शामिल है। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने इस तोप को तैयार किया है।
शारंग प्रोजेक्ट किया था शिफ्ट
धनुष तोप के उत्पादन को गति देने के कारण पूर्व के आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) ने जीसीएफ से 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग तोप का पूरा प्रोजेक्ट वीकल फैक्ट्री जबलपुर शिफ्ट कर दिया है। यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई, उसी समय पुन: शहर में जनता कोरोना कफ्र्यू लागू हो गया था। इसके तहत पहले 25 प्रतिशत कर्मचारियों को काम की अनुमति मिली। फिर 50 प्रतिशत। अब पूरी क्षमता के साथ कार्य प्रारंभ होने से अगस्त को छह तोप की सुपुर्दगी की योजना बनाई गई है। जीसीएफ ने पहली बार अप्रेल 2019 में अत्याधुनिक फीचर वाली छह तोप सेना को सौंपी थीं। फैक्ट्री में हुए एक समारोह में सेना और रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों की मौजूदगी में इनकी सुर्पुदगी की गई थी। उस समय से एक भी तोप डिस्पैच नहीं की गई थी।

धनुष तोप प्रोजेक्ट पर काम तेज कर दिया है। आठ तोप असेंबल हो चुकी हैं। अगस्त तक इन तोप को सेना को सौंपने की योजना तैयार की गई है। दो तोप का परीक्षण भी बालासोर में हो चुका है।
राजेश चौधरी, महाप्रबंधक जीसीएफ