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एमपी में मक्का की फसल में लगा घातक रोग…

फाल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप जिले में पहली बार फसल में दिखा कीट, प्रदेश के किसानों को किया सावधान, अभी तक अन्य राज्यों में पाया जाता था, कृषि वैज्ञानिकों ने शुरू की निगरानी

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Army worms insect disease in maize crop first time in MP

Army worms insect disease in maize crop first time in MP

मयंक साहू @ जबलपुर

जिले में पहली बार मक्का फसल में फाल आर्मी वर्म स्पोडेप्टेरा फ्यूजीपरडां कीट का प्रकोप पाया गया है। कृषि विश्वविद्यालय के लाईव स्टाक फार्म में इसे देखे जाने से खलबली मच गई। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने निगरानी शुरू कर दी है। क्योंकि यह कीट बहुभक्षीय कीट है जो कि 80 से अधिक प्रकार की फसलों को क्षति पहुंचाता है। इस कीट की सबसे पसंदीदा फसल मक्का है। अभी तक इस कीट का प्रकोप आधं्रप्रदेश, तामिलनाडू, उड़ीसा, गुजरात, बंगाल, बिहार एवं छग राज्यों में पाया गया। मध्यप्रदेश में पहली बार इसे देखा गया है। कुलपति डॉ.पीके बिसेन ने कृषि वैज्ञानिकों को सतत निगरानी और नियंत्रण के निर्देश दिए हैं।

गोल छेद कर नुकसान

कीट शास्त्री विभाग के एचओडी डॉ.एके भौमिक ने बताया कि फीमेल प्रौढ़ पतंग पत्ती के निचली सतह पर अंडे देती है। इस समय अंड काल करीब 2 से 3 दिनों का होता है। अंडे से निकली इल्लियां हल्के पीले रंग की होती है तथा सिर का रंग काला एवं नारंगी होता है। जबकि व्यस्क इल्ली 30 से 40 मिमी लंबी होती है। यह इल्लियां पौधों के पोगली के अंदर छुपी होती हैं। बड़ी इल्लियां पत्तियों को खाकर उसम छोटे से लेकर बड़े बड़े गोल छेद कर नुकसान पहुंचाती है।

इस प्रकार करें नियंत्रण

वर्तमान में खड़ी फसल में बुस्ट रासायनिक नियत्रंण अपनाने की सलाह कृषि वैज्ञानिकों ने दी है। संक्रमिक पत्ती पोंगली में बारीक सूखी रेत, राख अथवा बरादे का छिडक़ाव करें। खड़ी फसल पर थायोडीर्काप 75 डब्लू जी का 7 किलो या फ्लूवैन्डामाइट 480 एससी का 150 मिली या फ्लोरेंटनीलीप्रोली 18.5 एससी का 150 मिली या बेन्जोयेट 5 एससी का 200 ग्राम प्रति हैक्टेयर में उपयोग करें।