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आईटी पार्क से नौसेना का संचार होगा मजबूत, अमेरिकी कंपनियों के साफ्टवेयर का मेंटीनेंस

जबलपुर आईटी पार्क में कंपनियां दे रही देश और विदेश की कंपनियों को सेवाएं, एआई और चैट जीपीटी का बढ़ा उपयोग

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Bargi Hills IT Park of Jabalpur

जबलपुर@ ज्ञानी रजक.आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और चैट जीपीटी जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी ने जबलपुर के बरगी हिल्स आइटी पार्क को बदल दिया है। इसे अब ग्लोबल पहचान मिल रही है। उद्यमी एआइ से नए टूल्स बना रहे हैं तो एक कंपनी ने चैट जीपीटी के टूल्स से मोबाइल ऐप विकसित करने का सॉफ्टवेयर बनाया है। एक कंपनी अमरीका के ऑइल, गैस और मल्टीपल क्लांइट्स को हैंडल कर रही है। एक ने भारतीय नौ सेना के लिए समुद्र के अंदर बिछाने के लिए कम्युनिकेशन केबल बनाई है

अमरीका के सॉफ्टवेयर का मेंटेनेंस

एक कंपनी अमरीका के मल्टीपल क्लाइंट्स को सर्विस दे रही है। उनके सॉफ्टवेयर मेंटेन करती है। इस सॉफ्टवेयर का सुपर विजन आइटी पार्क में चल रही कंपनी कर रही है। दो दर्जन से ज्यादा इंजीनियर्स सॉफ्टवेयर संचालन पर नजर रख रहे हैं। कोई तकनीकी खराबी आने पर ठीक किया जाता है। ऐसी कुछ कंपनियां कई अन्य तरह के सॉफ्टवेयर बना रही हैं।। आइटी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बरगी हिल्स में अभी 35 कंपनियां हैं। अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी से ये नए प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं।

सेना ने 9 करोड़ का ऑर्डर दिया

एआइ से मशीनें भी संचालित हो रही हैं। एक कंपनी ने नौसेना के लिए समुद्र के नीचे बिछने वाले कम्युनिकेशन केबल बनाए हैं। कंपनी को सेना ने 9 करोड़ का ऑर्डर दिया है। यह देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। संचालक अंशुल गुप्ता ने बताया, पहला लॉट तैयार है। अंशुल ने बताया, यह अपग्रेडेड केबल है। इससे नौसेना को बेहतर सिग्नल मिलेंगे।

सुरक्षा पुख्ता, परिवहन होगा आसान

समुद्र की सतह में बिछाई जाने वाली केबल देश की सुरक्षा और वाटर ट्रांसपोर्टेशन के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। निर्माता गुप्ता ने बताया कि देश की समुद्री सीमाओं पर पहले से केबल बिछाई गई है, अब उसे अपग्रेड किया गया है। कई सारे फीचर्स जोड़े गए हैं। इससे नौसेना को बेहतर सिग्नल मिल सकेंगे। पनडुब्बी के साथ वाॅरशिप की संचार व्यवस्था ज्यादा सुदृढ़ हो जाएगी। इसके अलावा समुद्र पर परिवहन बहुत होता है। मालवाहक जहाजों को त्वरित सिग्नल देने में यह सहायक होगी। तीन इंच मोटाई वाली इस केबल को हाई तकनीक से बनाया गया है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। गुप्ता ने बताया कि शुरूआत में 25 किमी लंबाई की केबल तैयार की जा रही है।

सब कुछ अपना

एक कंपनी चैट जीपीटी के जरिए मोबाइल एप डेवलपमेंट का प्रोडक्ट बना रही है। इसके बनने से संस्थान या व्यक्ति के लिए कम समय में एप तैयार करना आसान होगा। कंपनी के संचालक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अभी इस तरह की सुविधाओं के लिए दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। हमने इसके डेवलपमेंट पर काम शुरू कर दिया है। इंजीनियरों ने चैट जीपीटी से मोबाइल ऐप डेवलपमेंट का प्रोडक्ट तैयार करना शुरू किया है।