
For the first time this year, 100 corona patients were found from Jaipur district
जबलपुर। कोविड-19 वैक्सीनेशन के जबलपुर में ड्राय रन में एक व्यक्ति को कोरोना का टीका लगाने के अभ्यास में औसतन 7 मिनट का वक्त लगा। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में आधार नंबर से कोविन पोर्टल अपडेशन की प्रक्रिया में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगा। पंजीकृत व्यक्ति के आधार नंबर दर्ज करने पर पोर्टल से ओटीपी जनरेट होने में देर हुई। ऐसे लोगों के टीकाकरण में मिनट तक का समय लगा। जो कि वैक्सीनेशन के लिए निर्धारित समय से कुछ ज्यादा है। ड्राय रन की पूरी प्रक्रिया में अधिकारियों ने निगरानी रखी। प्रत्येक चरण की व्यवस्था की जांच की। पूर्वाभ्यास में पोर्टल पर आधार से ओटीपी जनरेट करने की प्रक्रिया में लग रहे ज्यादा वक्त को देखते हुए वास्तविक टीकाकरण के समय अन्य वैकल्पिक अधिकृत पहचान पत्र पर विकल्प के उपयोग का सुझाव दिया है। उधर, जबलपुर शहर के आम लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर जाने-अनजाने डर का भी माहौल बन रहा है। ऐसा आगे भी जारी रहा, तो यह चिंताजनक है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी तरह से भी डरने की जरूरत नहीं है। 7- ेन्द्र में एक डॉक्टर और एक नर्स की अलग टीम रहेगी। टीका लगने के बाद साइड इफेक्ट होने पर तुरंत उपचार करेगी।
वैक्सीनेशन की तैयारी
- 03 अस्पताल में शहर में शुक्रवार को ड्राय रन लिया गया
- 30-30 लोगों पर प्रत्येक केन्द्र में टीका लगाने का अभ्यास
- 3-3 घंटे तक प्रत्येक अस्पताल में सुबह चला पूर्वाभ्यास
- 22 हजार 24 हेल्थ सर्विस प्रोवाइटर को पहले चरण में लगेगा टीका
जबलपुर में तीन अस्पतालों में ड्राय रन में कुल 90 व्यक्तियों पर कोरोना टीका लगाने का अभ्यास किया गया। इसके लिए सुबह 8 से 11 बजे तक तीनों केन्द्र में समस्त तैयारियां की गई। वास्तविक टीकाकरण की तरह ही चिन्हित व्यक्तियों को टीका लगाने के लिए पोर्टल के जरिए उनके मोबाइल पर एसएमएस प्रेषित किया गया। इसमें टीकाकरण के लिए चिन्हित व्यक्ति का नाम, केन्द्र, दिनांक और समय अंकित था। स्वास्थ्य विभाग ने ड्राय रन सफल रहने का दावा किया है। इस दौरान मिली मामूली कमियों को दूर किया गया। ड्राय रन से वास्तविक टीकाकरण के बेहतर क्रियान्वयन में सहायक होने की बात कही है।
इन प्वॉइंट पर अभ्यास
1- केन्द्र के बाहर एक स्वास्थ्य कर्मी की तैनाती। टीका लगाने आए व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग। हैंड सेनेटाइजेशन।
2- एक पुलिस कर्मी की तैनाती। यह आरक्षक आए टीक लगाने आए व्यक्ति का पहचान पत्र और सूची से नाम मिलान करेगा।
3- महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के एक-एक सुपरवाइजर रहेंगे। यह आगंतुक का एसएमएस देखकर कोविन पोर्टल से मिलान और अपडेशन करेंगे।
4- वेटिंग रूम। यहां पर पोर्टल से वेरीफिकेशन के बाद टीका लगाने आए व्यक्ति को उसका नंबर आते तक बैठाकर रखा जाएगा।
5- वैक्सीनेशन रूम रहेगा। जहां वैक्सीनेटर व्यक्ति को टीका लगाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को इंजेक्शन लगाने के बाद सीरिंज डिस्पोज होगी।
6- ऑब्जर्वेशन रूम। इसमें टीका लगने के बाद आधा घंटा तक व्यक्ति बैठेगा। इस दौरान कोई समस्या नहीं आने पर घर जा सकेंगे।
Published on:
09 Jan 2021 07:29 pm
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