जबलपुर शहर में आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर लोगों में बेहद गुस्सा है। उनका आरोप है कि एक तरफ के आवारा कुत्तों को दूसरे इलाके में छोड़ दिया जाता है। नगर निगम ने इन कुत्तों को कठौंदा में छोड़ दिया, उसके बाद यह कुत्ते बच्ची पर झूम गए थे।
जबलपुर शहर के माढ़ोताल थाना क्षेत्र के कठौंदा में यह घटना हुई है। यहां के रहने वाले सुशील श्रीवास्तव मजदूरी के लिए चले गए थे। घर पर उनकी पत्नी वर्षा और दो बच्चे तीन साल का बेटा विवेक और डेढ़ साल की बेटी दीपाली खेल रहे थे। वर्षा घर के काम में लगी थी, बच्चे बाहर खेल रहे थे। तभी अचानक वहां कुत्ता का झुंड आ गया। बड़ा बच्चा तो एक तरफ हो गया, जबकि डेढ़ साल की गुड़िया को कुत्तों ने घेर लिया। कुत्ते बारी-बारी से मासूम बच्ची को नोंचने लगे। बच्ची पांच-छह कुत्तों से घिर गई थी। अपनी बच्ची की चीख सुनकर किचन में काम कर रही मां दौड़कर बाहर आई। नजारा देख हैरान रह गई। वो तुरंत कुत्तों के ऊपर टूट पड़ी और अपनी बच्चों की कुत्तों के मुंह में से छुड़ा लिया।
बच्ची को तुरंत ले गई अस्पताल
बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बच्ची के पिता भी अस्पताल पहुंच गए। डाक्टरों की टीम ने बच्ची का इलाज किया। बच्ची के ज्यादा खून बहने के कारण उसे खून भी चढ़ाया गया, लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका।
सोमवार को हुई विदा
पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पिता सुशील श्रीवास्तव ने गुड़िया को तिलवारा घाट में अंतिम विदाई दी। यह नजारा देख सभी की आंखें नम थीं।