अभियोजन के मुताबिक पीड़ित ने मां के साथ पुलिस थाना जाकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी ने बुरी नीयत से दाहिना हाथ पकड़कर खींचा, जिससे वह जमीन पर गिर गई और उसी समय उसकी मां आ गई। मां के मौके पर पहुंचने पर किशोरी ने घटना की जानकारी दी और घर आकर अपने पिता को आपबीती बताई। पीड़िता की उक्त रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पाक्सो सहित विभिन्न संगीन धाराओं में केस दर्ज किया।
उधर आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) शेख वसीम के निर्देशन में शासन की ओर से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने विरोध प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने तर्क देते हुए बताया कि अपराध गंभीर प्रकृति का है यदि ऐसे अपराधों में आरोपित को जमानत का लाभ दिया जाता हैं तो समाज में न्याय के विरुद्ध विपरीत संदेश पहुचेगा। न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए व अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी अर्जुन निवासी सिद्ध नगर ढलई टेमर भीटर, थाना-गोरा बाजार जिला जबलपुर की जमानत निरस्त कर आरोपित को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश सुनाया।