पंडितों के अनुसार भड़ली नवमी तिथि अक्षय तृतीया और बसंत पंचमी की तरह अबूझ मुहूर्त वाली तिथि मानी जाती है। इस दिन किए गए कार्य शुभ व समृद्धि दायक होते हैं। बुधवार को ही श्री हरि जयंती भी है। यह अपने आप में स्वयंसिद्ध है। जिसमें लक्ष्मी-नारायण की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन इंद्राणी ने व्रत पूजन के प्रभाव से इंद्र को प्राप्त किया था। इसी वजह से भड़ली नवमी पर आभूषण, वाहन, भवन और भूमि आदि की खरीदी में हर वर्ष तेजी दिखाई देती है।