
bhairav ashtami
bhairav ashtami 2025 : काल भैरव अष्टमी के अवसर पर शहर के सभी भैरव मंदिरों विविध पूजन विधान हुए और प्रसाद वितरण किया गया। लेकिन संस्कारधानी का एक ऐसा भैरव मंदिर भी है, जहां भगवान को खीर का भोग लगाया गया। जिसकी चर्चा पूरे शहर में होती रही। यहां भगवान को एक दो या चार नहीं बल्कि 101 गंज खीर का भोग लगाया गया। ये परंपरा पिछले 41 सालों से निरंतर जारी है।
मंदिर के सेवक अरविंद सराफ ने बताया उनके पिता ने 41 साल पहले भगवान को खीर का भोग लगाने की परंपरा शुरू की थी। जो अब तक जारी है। पहले पांच-दस गंज खीर ही बनाई जाती थी, भक्तों के सहयोग से अब करीब 30 साल पहले ये संख्या 101 गंज तक पहुंच गई। इसे बनाने में 2400 लीटर दूध, 5-5 क्विंटल चावल, शक्कर, 80 किलो काजू, किसमिस, बादाम आदि मेवे का उपयोग होता है। दोपहर 12 बजे से खीर प्रसाद का वितरण शुरू होता है जो देर रात तक चलता रहता है।
चंद्रशेखर शर्मा ने बताया खीर का प्रसाद शहर की करीब 35 कन्या शालाओं में पढऩे वाली 5100 बच्चियों के लिए पैक करके भेजी जाती है। इसके अलावा 10 हजार पैकेट श्रद्धालुओं को वितरित किए जाते हैं। साथ ही मंदिर परिसर के बाहर निरंतर प्रसाद वितरण चलता रहा है। दो दिवसीय आयोजन के अंतिम दिन बुधवार को सुबह रामायण पाठ का समापन, हवन पूजन व महाआरती हुई। इस अवसर पर भगवान का विशेष शृंगार किया गया।
Updated on:
12 Nov 2025 07:24 pm
Published on:
12 Nov 2025 07:22 pm
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