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मृतक आश्रित शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए MP High Court का बड़ा फैसला

locationजबलपुरPublished: Feb 01, 2021 02:37:57 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-कोर्ट ने एक संविदा कर्मी का तबादला अनुचित पाते हुए किया निरस्त

अदालत का फैसला (प्रतीकात्मक फोटो)

अदालत का फैसला (प्रतीकात्मक फोटो)

जबलपुर. MP High Court ने संविदा शिक्षकों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि जो संविदा शाला शिक्षक पद के लिए अर्ह नहीं है उन्हें चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
दरअसल टीकमगढ़ निवासी हिमांशु खरे व रवींद्र सेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए दलील दी कि याचिकाकर्ताओं के पिता रवींद्र कुमार खरे व नवल किशोर की सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी। वे दोनों क्रमश: अध्यापक व सहायत अध्यापक थे। उस समय याचिकाकर्ता अवयस्क थे। बालिग होने के बाद दोनों की ओर से आवेदन किया गया। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने के आधार पर आवेदन दरकिनार कर दिया। डीएड व बीएड न होने को भी आधार बनाया गया। इस पर याचिकाकर्ताओं ने रेखांकित कमियां पूरी कर लीं। बावजूद इसके उनको संविदा शाला शिक्षक नहीं बनाया गया।
हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद इस निर्देश के साथ मामले का पटाक्षेप कर दिया कि यदि संविदा शाला शिक्षक नहीं बना सकते, तो चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें।
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