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पल भर में टूटी हड्डियां जोड़ देते हैं ये हनुमान, जानिए रहस्य

औषधि चबाते ही जुड़ जाती हैं टूटी हुई हड्डियां, देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में पहुंचते हैं पीडि़त

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Prem Shankar Tiwari

Dec 10, 2016

mohas mandir

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बालमीक पाण्डेय @ जबलपुर। आपने रामायण देखी होगी, पढ़ी होगी, रामचरित मानस का अध्ययन भी किया होगा। कथाओं में यह बात सुनी होगी कि त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मणजी को शक्तिबाण लगा, तो उस समय अंजनी नंदन ने संजीवनी बूटी लाकर उनकी जान बचाई थी। कटनी जिले की रीठी तहसील के ग्राम मोहास में वीर हनुमान अब भी अपना चमत्कार दिखा रहे हैं। इस स्थान पर आने से टूटी हड्डियां जुड़ जाती हैं। अस्थि रोग से पीडि़त हजारों लोग यहां रोजाना पहुंचते हैं। उन्हें राहत भी मिलती है।


औषधि का कमाल

कटनी से महज 35 किलामीटर दूर ग्राम मोहास जहां पर विराजे हैं ऐसे आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट (हड््डी रोग विशेषज्ञ) जिन्हें हड्डी जोडऩे वाले हनुमानजी की उपाधि प्राप्त है। उन्हें इस नाम से इसलिए जाना जाता है, क्योंकि इनके दरबार हाजिरी लगाने और औषधि खाने से टूटी हड्डियां अपने आप जुड़ जाती हैं।


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हजारों की संख्या में पहुंचते हैं लोग

खासकर शनिवार व मंगलवार के दिन हजारों की संख्या में मरीज और श्रद्धालु मोहास पहुंचते हैं। परिसर पर पहुंचते ही मरीज को पहले राम नाम का जाप करना पड़ता है। इसके बाद पंडा सरमन पटेल सभी को आंख बंद करने को कहते हैं और इसी अवस्था में संबंधित मरीज को औषधि के रूप में किसी पौधे की पत्तियां व जड़ खिलाते हैं। इसे खाते ही हड्डियां जुडऩे लगती हैं। पंडा सरमन पटेल का दावा है कि यहां आने वाले हर अस्थि रोगी को आराम मिलता है। प्लास्टर तक अलग हो जाता है।


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मालिश के लिए तेल

डॉक्टर हनुमान के द्वार पर तो रोजाना ही भक्तों का तांता लगा होता है, लेकिल मंगलवार और शनिवार यहां मेले सा माहौल होता है। उनकी शरण में रोगी अपने हर प्रकार के रोगों के निवारण के लिए जुटते हैं। डॉक्टर हनुमान का नाम इतनी तेजी से लोगों के बीच मशहूर होता जा रहा है कि लोग दूर-दराज से पूजा के लिए यहां आने लगे हैं। यहां तक कि पड़ोसी राज्यों में भी इस नाम की धूम मची है। औषधि खिलाने के साथ यहां एक तेल भी दिया जाता है, जिसकी मालिश से अस्थि रोग से पीडि़त लोगों को काफी लाभ होता है।


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मिलती है राहत

डॉक्टर हनुमान के दरबार से आजतक कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा। कटनी निवासी राजेश पाण्डेय ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनका पैर फैक्चर हो गया था। वह बाबा के दरबार पहुंचे। बगैर किसी उपचार के अब उनका पैर ठीक है। बड़वारा निवासी रामनारायण महोबिया ने बताया कि साइकल से गिरने के कारण उनका दाहिना हाथ टूट गया था, चिकित्सक ने एक्सरा के बाद हाथ फैक्चर होने पर प्लास्टर की सलाह दी। पर उन्हें पता चला कि मोहास में दवा खाने से हड्डी जुड़ जाती है। उसने दवा खाई आज हाथ उनका पूरी तरह से ठीक है। बाबा के दरबार से आजतक कोई भी निराश होकर नहीं लौटा।

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