
Juice Jacking Meaning in Hindi (Image: Gemini)
Juice Jacking: क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो सफर के दौरान स्टेशन, एयरपोर्ट या किसी कैफे में फ्री चार्जिंग पॉइंट देखते ही अपना फोन चार्ज पर लगा देते हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए! आपकी यह छोटी सी आदत आपकी गाढ़ी कमाई और निजी पलों की तस्वीरों को खतरे में डाल सकती है।
सोचिए, आपके फोन की बैटरी 3% पर है और आपको एक अर्जेंट कॉल करनी है। सामने दीवार पर USB पोर्ट दिखा, आपने झट से केबल लगाई और राहत की सांस ली। लेकिन आपको अंदाजा भी नहीं है कि उस तार के जरिए कोई अदृश्य जासूस (Hacker) आपके फोन में घुस चुका है। तकनीकी दुनिया में इस खतरनाक खेल को जूस जैकिंग (Juice Jacking) कहा जाता है।
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि यह क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
ज्यादातर लोग नहीं जानते कि जिस USB केबल से हम फोन चार्ज करते हैं, वह दो काम करती है। पहला बिजली (करंट) पहुंचाना और दूसरा डेटा ट्रांसफर करना।
जूस जैकिंग में हैकर्स पब्लिक चार्जिंग पोर्ट्स के साथ छेड़छाड़ करते हैं। वे वहां एक चिप या मैलवेयर (वायरस) फिट कर देते हैं। जैसे ही आप अपना फोन कनेक्ट करते हैं, बिजली के साथ-साथ आपके फोन का डेटा उस पोर्ट के जरिए हैकर के पास जाने लगता है।
क्लाउडएसईके (CloudSEK) के एक्सपर्ट पवन कार्तिक बताते हैं कि हैकर्स अब इतने शातिर हो गए हैं कि वे ऐसे डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं जो आपके फोन को यह चकमा देते हैं कि कोई कीबोर्ड या माउस कनेक्ट हुआ है। इससे फोन का लॉक सिस्टम धोखा खा जाता है और सेकंड्स में वायरस इंस्टॉल हो जाता है।
क्विक हील टेक्नोलॉजीज के डॉ. संजय काटकर के मुताबिक, यह सिर्फ डेटा चोरी का मामला नहीं है, बल्कि यह आपको आर्थिक चोट भी पहुंचा सकता है।
बैंक खाली होने का डर: भारत में हम UPI और बैंकिंग ऐप्स का खूब इस्तेमाल करते हैं। जूस जैकिंग के जरिए हैकर्स आपके पासवर्ड, OTP और बैंक डिटेल्स चुरा सकते हैं और मिनटों में खाता खाली कर सकते हैं।
चॉइस जैकिंग (Choice Jacking): पहले फोन पूछता था 'Charge Only' या 'Transfer Files'? लेकिन अब हैकर्स ने चॉइस जैकिंग तकनीक निकाल ली है। इसमें फोन आपसे परमिशन मांगे बिना ही डेटा शेयरिंग शुरू कर देता है। आपकी रजामंदी का अब कोई मतलब नहीं रह गया है।
जासूसी: आपके फोन का कैमरा और माइक हैक करके आपकी निजी बातें सुनी जा सकती हैं।
बिल्कुल नहीं! बस तरीका बदलने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स ने इससे बचने के लिए कुछ रामबाण तरीके बताए हैं।
अपना एडॉप्टर साथ रखें: सबसे सुरक्षित तरीका यही है कि आप सिर्फ USB केबल नहीं, बल्कि पूरा चार्जर (प्लग/एडॉप्टर) साथ रखें और उसे बिजली के सॉकेट (AC Outlet) में लगाएं। USB पोर्ट का इस्तेमाल करने से बचें।
पावर बैंक है सच्चा साथी: किसी अनजान दीवार में तार लगाने से बेहतर है कि आप अपना पावर बैंक साथ लेकर चलें। यह आपको डेटा चोरी से 100% सुरक्षित रखता है।
फोन लॉक रखें: अगर मजबूरी में पब्लिक पोर्ट यूज करना ही पड़े, तो चार्जिंग के दौरान फोन को लॉक रखें और इस्तेमाल न करें।
Trust This Device को ना कहें: अगर केबल लगाते ही स्क्रीन पर कोई पॉप-अप आए जो पूछे 'Trust this computer?', तो हमेशा 'No' या 'Cancel' करें।
अगर आपको शक है कि आप जूस जैकिंग का शिकार हो चुके हैं या फोन चार्जिंग के बाद अजीब व्यवहार कर रहा है, तो तुरंत नीचे बताए जा रहे कदम उठाएं।
कुल मिलाकार - तकनीक जितनी सुविधा देती है, उतनी सावधानी भी मांगती है। अगली बार फ्री चार्जिंग का बोर्ड देखकर खुश होने के बजाय सतर्क हो जाएं। आपकी थोड़ी सी समझदारी आपको बड़े धोखे से बचा सकती है।
Published on:
19 Dec 2025 12:35 pm
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