दरअसल रक्षा संपदा विभाग के द्वारा किए गए सर्वे के दौरान सिहोरा में यह गड़बड़ी सामने आई है। इसमें कई लोगों के नाम सामने आए हैं। उन पर अब कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने आम लोगों से भी रक्षा भूमि पर प्लाॅट खरीदने और बेचने में की प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को लेकर बयान जारी किया है। माफियाओं के कब्जे की शिकायत जिला प्रशासन से की है। इसमें कब्जाधारियों पर कार्रवाई में सहयोग की बात कही है।
रक्षा संपदा विभाग की सिहोरा में फौजी पड़ाव मद की करीब 40.29 एकड़ जमीन है। रक्षा संपदा विभाग के अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि रक्षा भूमि के एक बडे़ हिस्से में एक बिल्डर व अन्य व्यक्ति के द्वारा प्लाटिंग की जा रही है। इससे पहले इस जमीन पर गेहूं की फसल लगी थी। इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कब्जेधारियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि यह भूमि इस कार्यालय के अंतर्गत प्रबंधाधीन भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व की रक्षा भूमि है।
अवैध रूप से किया जा रहा विक्रय
विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई कि अवैध कब्जेधारियों के द्वारा प्लॉट की बिक्री की जा रही है। कुछ लोगों ने यहां पर प्लाट भी खरीद लिए हैं। विभाग के संज्ञान में आया है कि खसरा नंबर 19 से 24 तक को अवैध तरीके से बेचा जा रहा है।
इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई गई है। इस जगह पर कब्जा हटवाने के लिए इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की जा रही है।
पहले भी कब्जा, पर अभी तक कोई योजना नहीं
फौजी पड़ाव की भूमि वह होती है जहां पूर्व में फौजी ठहरते थे। सूत्रों ने बताया कि सिहोरा में फौजी पड़ाव की जमीन पर पहले भी कब्जा हुए हैं। इनमें कुछ शासकीय भवन तक बने हुए हैं। शेष भूमि की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में रहती है। क्योंकि अभी तक इस जमीन के उपयोग की कोई योजना नहीं बनी है। ऐसे में आए दिन खाली भूमि पर कब्जे की घटनाएं सामने आती हैं।
खास बात:
इस संबंध में कुछ जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार या किसी भी केंद्रीय संस्था द्वारा किसी प्रदेश में ली गई जमीन का संपूर्ण ब्योरा वहां की राज्य सरकार के पास भी होता है। भले ही केंद्र की जमीन पर किसी भी तरह के अतिक्रमण के विरुद्ध केंद्र की ओर से ही कार्यवाही की जाती है, लेकिन वर्तमान में बन रहीं स्थितियां को देखते हुए लोगों का कहना है कि जैसे देश में कई जगहों पर बुलडोजर के माध्यम से अवैध निर्माण हटाए जा रहे हैं। और ऐसी ही प्रक्रिया मध्यप्रदेश में भी अपनाई जा रही है तो क्या देश के सैनिकों की जमीन दिलाने के लिए भी प्रदेश के बच्चों के मामा यानि सीएम शिवराज ऐसा कोई बड़ा कदम उठाएंगे कि प्रदेश में फिर कोई देश के पहरेदारों की जमीन पर कब्जा करना तो दूर इस संबंध में सोचेगा तक नहीं!