16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तेंदुए पर कैनाइन डिस्टेंपर का अटैक, भूल गया अपनी याददाश्त

वेटरनरी के विशेषज्ञों ने ब्लड सेम्पल की जांच, तेंदुए का उपचार अभी जारी, इंदौर जू से बाहर किया गया शिफ्ट

less than 1 minute read
Google source verification
humans_and_leopards_live_together_at_bera_rajasthan_but_no_accident_has_happened.png

जबलपुर।
देवास जिले के इकलेरा गांव में एक तेंदुएं को खिलौने की तरह लेकर दौड़ाने का वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़कर उसका बल्ड सेम्पल वेटरनरी विश्वविदद्यालय के चिकित्सकों के पास भेजे गए थे। इन सेम्पल की जांच के दौरान यह बात सामने आई कि उक्त तेदुएं को कैनाइन डिस्टेंपर वायरस ( सीडीवी ) ने अटैक किया था। जिसके कारण तेंदुआ अपनी याददाश्त खो बैठा था और वह अपना मूल स्वभाव पूरी तरह भूल चुका था। विशेषज्ञों के अनुसार कैनाइन डिस्टेंपर वायरस का प्रभाव किसी श्वान के मांस खाने के चलते हुआ। वायरस के अटैक ने तेंदुए के मस्तिष्क को बुरी तरह प्रभावित कर दिया जिसके कारण उसकी सोचने समझने की शक्ति खत्म हो गई। वेटरनरी विश्विविद्यालय के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ एंड हेल्थ के विशेषज्ञों की भी सेवाएं ली गई हैं।स्वाथ्य परीक्षण के लिए डॉ.अनमोल रोकडे जू पहुंचे। इंदौर के चिडि़याघर जाकर तेंदुए को देखा साथ ही पार्क प्रबंधन को एडवाइजरी भी दी कि एनिमल को कहीं और रखा जाए ताकि बीमारी न फैले। जू प्रबंधन ने बायो सिक्योरिटी मेजर के तहत तेदुएं को पार्क से बाहर शिफ्ट कर दिया गया है। जहां उपचार जारी है साथ ही आसपाास किसी भी अन्य जानवर को आने जाने नहीं दिया जा रहा है।
क्या होता है वायरस
विशेषज्ञों के अनुसार कैनाइन डिस्टेंपर वायरस एक वायरल बीमारी है, जो घरेलू और जंगली प्रजातियों के जानवरों को प्रभावित करती है। इसमें श्वान, कोयोट, लोमड़ी, पांडा, भेड़िया सहित अन्य जानवर शामिल हैं। श्वान में सीडीवी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और श्वसन पथ, रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क सहित कई प्रणालियों को प्रभावित करता है।