
Mp High Court Jabalpur
जबलपुर. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से की जा रही भर्तियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों में कैरी फॉरवर्ड नियम को मप्र हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजऩ बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार व एमपीपीएससी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
आदित्य खरे की ओर से दायर याचिका में नि:शक्तजनों के आरक्षित पदों में कैरी फॉरवर्ड नियम की संविधानिकता पर प्रश्न उठाते हुए असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई। कहा गया कि संसद ने 2016 में दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 पारित किया। अधिनियम की धारा 34 में नि:शक्तजनों के लिए आरक्षित पदों में से रिक्त पदों को कैरी फॉरवर्ड करने का प्रावधान है। इसी धारा के परिपालन में लोक सेवा आयोग कई सालों से रिक्त पदों को कैरी फॉरवर्ड कर रहा है।
एमपीपीएससी ने राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा 2017 के माध्यम से विभिन्न विभागों में सहायक यंत्री के पदों की भर्ती की। इसमें याचिकाकर्ता एक उम्मीदवार था। परीक्षा का परिणाम अक्टूबर 2018 में घोषित किया गया। इसमें याचिकाकर्ता का नाम अनुपूरक सूची में था। मुख्य सूची के कुल विज्ञापित पदों में से कुछ पद अभी भी रिक्त हैं। यह गलत है। पदों को कैरी फॉरवर्ड करने से योग्य उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाता है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
Published on:
02 Feb 2020 05:57 pm
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