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चैत्र नवरात्रि 2018: घोड़े पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा, आठ दिन रहेंगी भक्तों के घर – देखें तिथियां

locationजबलपुरPublished: Mar 03, 2018 12:44:33 pm

Submitted by:

Lalit kostha

इन नवरात्र में नि:स्वार्थ भाव से की गई माता की सेवा परमसुखदायी एवं मनोकामना पूर्ति करने वाली सिद्ध होगी

इन नवरात्र में नि:स्वार्थ भाव से की गई माता की सेवा परमसुखदायी एवं मनोकामना पूर्ति करने वाली सिद्ध होगी।

इन नवरात्र में नि:स्वार्थ भाव से की गई माता की सेवा परमसुखदायी एवं मनोकामना पूर्ति करने वाली सिद्ध होगी।

जबलपुर। चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों की शुरुआत 18 मार्च से हो रही है। इस दिन गुड़ी पड़वा और हिंदु नवसंवत्सर 2075 भी शुरू हो जाएगा। जिसका नाम विरोधकृत होगा। ज्योतिषाचार्य सत्येंद्र स्वरुप शास्त्री के अनुसार चैत्र मास के नवरात्र को ‘वार्षिक नवरात्र’ भी कहा जाता है।। विशेष योग व संयोग के साथ शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र में इस बार मां भवानी
अश्व पर विराजमान होकर भक्तों के घर आएंगी। इन नवरात्र में नि:स्वार्थ भाव से की गई माता की सेवा परमसुखदायी एवं मनोकामना पूर्ति करने वाली सिद्ध होगी।

ज्योतिष मान्यताओं ले अनुसार चैत्र और आश्विन नवरात्र में आश्विन नवरात्र को महानवरात्र कहा जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है। मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है।

आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। हालांकि गुप्त नवरात्र को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्र बहुत ज्यादा मायने रखते हैं। तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है।

कन्या पूजन से होंगी प्रसन्न
नवरात्र में माता का प्रत्यक्ष पूजन कन्याओं को भोजन कराना, अन्न, धन व वस्त्र आदि का दान करना है। शास्त्रों में माता को प्रसन्न करने के लिए कन्या पूजन का विधान सबसे सरल व श्रेष्ठ बताया गया है। अष्टमी व नवमीं तिथि के दिन किया गया यह पूजन मनोकामना पूर्ति एवं सूनी गोद भरने वाला कहा जाता है।

व्रत रखें नित्य पूजन करें
सचिनदेव महाराज के अनुसार नवरात्र के इन प्रमुख नौ दिनों में नियमित रूप से पूजा पाठ और व्रत का पालन करें। साथ ही नौ दिन तक देवी दुर्गा माता का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं अखंड ज्योति की सेवा करें। इससे निरोगी काया, स्वास्थ्य लाभ व एकाग्रता के साथ मन की शांति मिलती है।

हर व्यक्ति को सुख
शान्ति पाने के लिये किसी न किसी ग्रह की उपासना करनी ही चाहिए. माता के इन नौ दिनों में ग्रहों की शान्ति करना विशेष लाभ देगा। इन दिनों में बीज मंत्र, दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। इसके अलावा तंत्र-मंत्र में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए यह समय उपयुक्त रहेगा। गृहस्थ व्यक्ति भी इन दिनों में माता की पूजा आराधना कर अपनी आन्तरिक शक्तियों को जाग्रत कर सकता है। नवरात्र में साधकों की साधना का फल व्यर्थ नहीं जाता है।

ऐसी रहेंगी चैत्र नवरात्र की तिथियां
प्रतिपदा तिथि 18 मार्च 2018, रविवार
द्वितीया तिथि 19 मार्च 2018, सोमवार
तृतीया तिथि 20 मार्च 2018, मंगलवार
चतुर्थी तिथि 21 मार्च 2018, बुधवार
पंचमी तिथि 22 मार्च 2018, गुरुवार
षष्ठी तिथि 23 मार्च 2018, शुक्रवार
सप्तमी तिथि 24 मार्च 2018, शनिवार
अष्टमी नवमी तिथि 25 मार्च 2018, रविवार

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