
कमिश्नर ऑफिस में 64 हजार की घूस लेते धराया क्लर्क, पीड़ित को न्याय दिलाने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
सरकार की तमाम सख्तियों और लोकायुक्त पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद मध्य प्रदेश के सरकारी विबागों से रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां बिना घूस दिए सरकारी कार्यालयों में काम नहीं होता। हद तो ये है कि, बिना रिश्वतखोरी के यहां किसी को न्याय तक नहीं मिल पाता है। लोकायुक्त पुलिस हर रोज दर्जनों रिश्वतखोर अधिकारी - कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच रही है, बावजूद इसक तंत्र से जुड़े ये भ्रष्ट अफसर बाज आने का नाम नहीं ले रहे हैं।
ताजा मामला मध्य प्रदेस की संस्कारधानी जबलपुर से सामने आया है। यहां लोकायुक्त की टीम ने कमिश्नर कार्यालय में छापा मारकर कारर्वाई करते हुए कार्यालय के क्लर्क चंद्र कुमार दिक्षित को 64 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किये गए हैं। दरअसल, सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ चंद्र कुमार दीक्षित ने फरियादी से किसी केस में न्याय दिलाने के लिए 64 हजार की रिश्वत मांगी थी। लेकिन, उसने लिपिक को सबक सिखाने की ठानी और इसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त में कर दी।
कलर लगे नोटों ने छोड़ा रंग
शिकायत मिलने पर लोकायुक्त ने शिकायत का सत्यापन कराया और शिकायत सही पाए जाने के बाद गुरुवार को फरियादी को केमिकल लगे नोट देकर क्लर्क के पास भेजा। कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर फरियादी ने रुपए लिपिक को दे दिए और टीम को इशारा कर दिया। इशारा मिलते ही टीम ने दबिश दे कर रुपयों के साथ आरोपी लिपिक को दबोच लिया। इस कार्रवाई के बाद कमिश्नर दफ्तर में हड़कंप मच गया। फिलहाल, लोकायुक्त पुलिस आगे की कारर्वाई में जुट गई है।
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Published on:
12 Jan 2023 04:55 pm
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