
code red police code
जबलपुर. स्कूल, कॉलेज या ऐसी जगह जहां महिलाओं का आना-जाना अधिक होता था, वहां पहले कोड रेड की टीम तैनात होती थी। यह टीम नियमित रूप से गश्त करती थी। कहीं भी कोई सूचना या शिकायत मिलती, तो यह टीम मौके पर पहुंचती और शोहदों को सबक सिखाती थी। समय के साथ साथ कोड रेड की टीम सड़कों से गायब हो गई।
ऐसे काम करती थी टीम
सुबह छह बजे से लेकर रात 10 बजे तक रहती थी तैनात
स्कूल कॉलेज, व्यावसायिक इलाकों में लगातार भ्रमण
शिकायत पर तत्काल मौके पर पहुंचना और कार्रवाई करना
यही कारण है कि शोहदों के हौसले बुलंद हुए हैं। वे बैखौफ छेड़खानी और चाकूबाजी जैसी वारदातों को अंजाम देने लगे हैं। कोडरेड पर जैसे ही कोई युवती शिकायत करती, तो टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर आरोपी को पकड़ लेती। कोड रेड की टीम की ओर से कभी भी युवतियों और महिलाओं पर एफआईआर कराए जाने का दबाव नहीं बनाया गया। महिलाओं और युवतियों के नामों को भी टीम की ओर से गुप्त रखा जाता था। हाल ही में शहर के स्कूल कॉलेजों के आसपास फिर से शोहदों का डेरा जमने लगा है। वे छात्राओं का पीछा करते हैं। ऐसे में यदि कोड रेड की टीम सड़कों पर उतरे, तो शोहदों को जहां सबक मिलेगा, वही युवतियां और महिलाएं बेखौफ सड़कों पर निकल सकेंगी।
छेड़खानी और चाकूबाजी के सामने आए मामले
महिला सुरक्षा के लिहाज से पुलिस द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस टीमें स्कूल और कॉलेजों में जाकर छात्राओं और युवतियों को लगातार जागरूक कर रही हैं। थानों की टीमों और कोड रेड की ओर से लगातार गश्त की जाती है।
संजय अग्रवाल, एएसपी
Published on:
16 Dec 2022 04:40 pm
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