जबलपुर

बीमार बहुत बीमार कर रही है ठंडी बर्फ, खिलाई जा रही कमर्शियल उपयोग वाली बर्फ

Cold ice is making the sick

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Apr 25, 2024
Cold ice is making the sick

जबलपुर. गर्मी बढ़ने के साथ ही बर्फ का उपयोग बढ़ गया है। जूस सेंटरों, गन्ना रस दुकान, लस्सी की दुकानों में इनका बड़े पैमाने में उपयोग हो रहा है। लोग बर्फ की चुस्कियां ले रहे हैं। यह किसी को पता नहीं रहता कि यह बर्फ खाने योग्य है या नहीं। कई जगह अमानक बर्फ का उपयोग किया जा रहा है। यह लोगों की सेहत के लिए घातक हो सकता है। शहर में कई आइस फैक्ट्री हैं। जहां बड़े स्तर पर बर्फ की सिल्ली बनाई जाती हैं। ये बर्फ बाजार में खूब बिक रहा है। शीतल पदार्थ में इस्तेमाल होने वाली बर्फ की खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अभी तक जांच नहीं शुरू की गई। जिस वजह से आशंका है कि शहर में अमानक बर्फ की खपत धड़ल्ले से हो रही है।

गुणवत्ता संदिग्ध

बर्फ फैक्ट्रियों में बर्फ जमाने के लिए उपयोग किए जा रहे जल की गुणवत्ता भी संदिग्ध रहती है। दरअसल कुछ फैक्ट्रियों में बोरिंग के पानी से बर्फ बनाई जा रही है। यह पेयजल के मानक को पूरा नहीं करता है। एक-दो फैक्ट्रियों में ही नगर निगम से आपूर्ति हो रहे जल का उपयोग बर्फ बनाने में हो रहा है।

यहां पर हैं फैक्ट्रियां

मदन महल, रिछाई, बायपास आदि इलाकों में बर्फ बनाने की फैक्ट्रियां है। इसमें ज्यादातर फैक्ट्रियां अखाद्य बर्फ का निर्माण करती हैं। इसकी कीमत कम होती है। इसलिए मुनाफा बढ़ाने के लिए ठेले, होटल वाले ये बर्फ खरीद लेते हैं।

7 रुपए किलो

शीतलपेय पदार्थों में तरावट बढ़ाने के लिए मिलाई जा रही बर्फ 5-7 रुपए किलो बाजार में उपलब्ध है। विजय नगर में गन्ने का रस बेचने वाले प्रकाश सौंधिया ने बताया कि वह रोजाना 10 किलो बर्फ की सिल्ली लेकर आता है। यह दिनभर में उपयोग में लिया जाता है। उसने किफायती दामों में मिल जाता है।

दूषित बर्फ के सेवन से बिमारियों का डर

दूषित बर्फ के सेवन से लोगों की सेहत खराब होने का डर बना हुआ है। जिमेदार विभाग द्वारा न तो बाजार में बिकने वाले और न ही फैक्ट्री में बनने वाले बर्फ की जांच की जा रही। जबकि बर्फ फैक्ट्री से ठेलों, होटलों तक में बर्फ की आपूर्ति की जा रही है। बर्फ के गोले, कुल्फी में अखाद्य बर्फ का उपयोग हो रहा है।

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