पहले के मुकाबले दोगुने संक्रमित
डॉक्टरों का कहना है कि पहली लहर के समय संक्रमण ज्यादा संक्रामक नहीं था। किसी परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित मिलने के बाद उसके सम्पर्क में आए एक-दो व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहे थे। प्रारंभिक लक्षण को पहचान कर उपचार लेने से कोरोना की चेन ब्रेक हो रही थी। लेकिन इस बार कोरोना ज्यादा संक्रामक है। जब तक संक्रमण का पता चल रहा है परिवार के दूसरे व्यक्तियों को कोरोना जकड़ ले रहा है। एक घर में 3-4 सदस्य संक्रमित मिल रहे हैं। कोरोना की चेन बन रही है। प्रतिदिन ऐसे मामले में आ रहे जिसमें नए संक्रमित की फस्र्ट कॉन्टेक्ट हिस्ट्री में परिवार के दूसरे सदस्य कोरोना पॉजिटिव होने का पता चल रहा है।
चौहानी में 21 शव का अंतिम संस्कार
चौहानी मुक्तिधाम में शनिवार को 21 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ। इसके अलावा कोरोना संदिग्ध शवों का भी अंतिम संस्कार हो रहा है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मृतक की संख्या बढऩे से अब श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है।
पिछले वर्ष जैसी तैयारी नहीं
शहर में कोरोना की दूसरी लहर से लडऩे के लिए पिछले वर्ष जैसी तैयारी नहीं है। इस बार ना तो क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं और ना ही कोरोना संवेदनशील शहरों से आ रहे लोगों को होम क्वारंटीन किया जा रहा है। किसी निजी अस्पताल को अधिगृहित करके कोविड डेडिकेटेड सेंटर भी नहीं है।
टीके की दो डोज के बाद पॉजिटिव
कोरोना के नए स्ट्रेन के ज्यादा संक्रामक होने के कारण कोविड-19 वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति भी जल्दी संक्रमण की जकड़ में आ रहे हैं। शुक्रवार को भी जांच में कोरोना टीका के दो डोज लगवा चुके दो फ्रंट लाइन वर्कर कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं। इन्हें टीके की दूसरी डोज लगने के बाद लगभग एक माह का समय हो चुका था। हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि कोरोना टीका लगवा चुके व्यक्तियों के संक्रमित होने पर गम्भीर स्थिति तक नहीं पहुंच रहे हैं। समय पर जांच, आइसोलेशन और उपचार से टीका लगवा चुके मरीज जल्दी स्वस्थ्य हो रहे हैं।
इंजेक्शन के लिए पर्चा लेकर घूम रहे लोग
गम्भीर कोरोना मरीजों के लिए जरूरी रेमेडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी हुई है। शनिवार को मरीजों के परिजन डॉक्टर का पर्चा लेकर इंजेक्शन के लिए दुकानों और अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। अस्पतालों को भी भर्ती मरीजों के जरूरत के आधे इंजेक्शन भी नहीं मिलने से उपचार करना मुश्किल हो रहा है।
ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे
एक सप्ताह में कोरोना मरीज की संख्या अचानक बढऩे से ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो गई है। होम आइसोलेट संक्रमित को भी सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है। मरीजों की संख्या बढऩे से अस्पतालों ने भी दोगुने सिलेंडर स्टोर कर लिए हैं। इससे ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत बन गई है।
ऑक्सीजन की मॉनीटरिंग के लिए टीम गठित
जिले के चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में स्थित ऑक्सीजन उत्पादन इकाई आदित्य एयर प्रोडक्डस प्राइवेट लिमिटेड में ऑक्सीजन की मानिटरिंग के लिए प्रतिदिन तीन पालियों में पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। एक रिजर्व दल भी गठित किया गया है। इसकी सतत निगरानी एवं मॉनिटरिंग के लिए एसडीएम रांझी, प्रभारी तहसीलदार रांझी, नायब तहसीलदार रांझी तथा सहायक मॉनिटरिंग अधिकारी अधीक्षक भू अभिलेख को नियुक्त किया गया है। पटवारी प्रतिदिन अपने कार्य की रिपोर्ट उक्त अधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे।