हाल ही में शहर में कई लोगो के पास ऐसे कॉल पहुंचे। कुछ लोग ठगी का शिकार भी हुए और मामले की शिकायत साइबर सेल और पुलिस से की। पुलिस ने इस मामले में लोगों को सतर्क रहने के लिए भी एडवाइजरी जारी की है।
सेट कर लेते हैं नया पासवर्ड
जैसे ही कॉल आरोपियों के नम्बर पर डायवर्ट होता है, तो वे उक्त नम्बर पर चलने वाले मोबाइल वॉलेट की सेटिंग में जाकर पिन बदल लेते है। अथेन्टीकेशन के लिए आने वाला कॉल और मैसेज डायवर्ट होकर उनके नम्बर पर पहुंच जाता है। जब तक इसका पता लोगों को चलता है, तब तक देर हो चुकी होती है।
हैक हो रहा मोबाइल
साइबर ठगों द्वारा जो मैसेज भेजे जा रहे हैं, उसमें लिंक भी होता है। जैसे ही यूजर उस लिंक को क्लिक करता है, तो फोन पर एप और उसमें छिपी एपीके फाइल्स सीधे डाउनलोड हो जाती है। जिसके बाद फोन हैक हो जाता है और साइबर ठग यूजर को पता चले बगैर उसके मोबाइल के जरिए उसका एकाउंट खाली कर देते है। अनजान नम्बर से आने वाले किसी भी फोन पर बातचीत न करें। न ही जानकारी दें और न ही किसी प्रकार का नम्बर का कोड मोबाइल पर डायल करें। इससे कॉल और मैसेज डायवर्ट हो सकते हैं। इसके जरिए आरोपी अकाउंट खाली कर सकते हैं।- सूर्यकांत शर्माएएसपी
● यदि नम्बर डायल कर लिया है तो आखिर में हैश न डायल करें ● लिंक के जरिए ऐसा मैसेज आने पर उसे ओपन न करें। ● लिंक ओपन होने पर सेटिंग में जाकर डायवर्ट कॉल को बंद करें।
● पुलिस को सूचना दें।
यहां करें शिकायत
● टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 ● इंडियन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ● नजदीकी थाने में ● स्टेट साइबर सेल में ● जिला साइबर सेल