
cyber fraud
cyber fraud : साइबर ठगी में शामिल लोग शातिर होते हैं। यदि किसी प्रकार की ठगी हो जाती है, तो घबराएं नहीं। तुरंत पुलिस से शिकायत करें। डिजिटल अरेस्ट होने पर भी यही करना चाहिए। पुलिस को भी इन मामलों में मदद करनी होगी। पत्रिका रक्षा कवच अभियान के अंतर्गत सिविक सेंटर के पत्रिका कार्यालय में हुई बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई। साइबर अपराधों के कानून से जुडे़ विशेषज्ञ अधिवक्ता श्रीकांत विश्वकर्मा ने समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों की बैठक में ठगी से बचने के लिए विशेष सुझाव दिए।
विशेषज्ञों ने यह बात भी रखी कि मोबाइल पर थर्ड पार्टी एप्लीकेशन डाउनलोड करने से बचें। कोई चीज यदि फ्री में दी जा रही है, तो उसका फायदा कंपनियां या हैकर उठाते हैं। बैठक में शामिल अनुज दुबे, रामनरेश उपाध्याय और अनुपम पांडेय का कहना था कि इस तरह के अपराधों को रोकने के साथ ही लोगों को ठगी से बचाने के लिए आइटी सेक्टर को भी आगे आना होगा। हेल्पलाइन सेंटर की संया बढ़ाई जाए।
उन्होंने बताया कि ठग बैंक खाते खाली करने के लिए कई दांवपेंच अपना रहे हैं। वे एआई तकनीक के जरिए ठगी करने लगे हैं। वीडियो कॉल में किसी का चेहरा और आवाज तक बदल देते हैं। भावनाओं में आकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए मोबाइल का उपयोग सतर्कता से करें।
जबलपुर अग्रवाल सभा के उपाध्यक्ष हेमराज अग्रवाल एवं महाकोशल उद्योग संघ के अध्यक्ष डीआर जेसवानी का कहना था कि आज हर काम डिजिटल हो गया है। इसलिए शासन-प्रशासन लोगों इस मामले में शिक्षित करे। इस मौके पर जेसवानी ने विद्युत बिल जमा करने समय उनके साथ ठगी की जानकारी दी।
Updated on:
11 Dec 2024 05:27 pm
Published on:
08 Dec 2024 05:17 pm
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