हाईटेक ड्रिल मशीन के जरिए 120 स्थानों पर की गई स्वाइल टेस्टिंग
मदन महल फ्लाईओवर बनेगा इंजीनियरिंग की नायाब मिसाल
वर्षों की ट्रैफिक समस्याओं से मिलेगी निजात
120 स्थान पर की गई स्वाइल टेस्टिंग
फ्लाईओवर निर्माण कार्य में जुटे तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक दमोहनाका से मदन महल चौक के बीच एक सौ बीस स्थान पर स्वाइल टेस्टिंग की गई है। हाईटेक ड्रिल मशीन से सौ फीट की गहराई तक ड्रिलिंग कर स्वाइल टेस्टिंग की गई है।
तीन साल में पूरा होगा काम
पीडब्लूडी की टीम की निगरानी में एनसीसी कं पनी फ्लाईओवर का निर्माण कर रही है। फ्लाईओवर तैयार होने में तीन साल लगेंगे। इसके लिए रूट के भवन, केबल, पोल की शिफ्टिंग का काम जल्दी ही शुरू होना है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। रूट से पानी की राइजिंग व सप्लाई लाइन की भी शिफ्टिंग की जानी है।
यातायात की होगी दोहरी सुविधा
ऊपर फ्लाईओवर होगा तो नीचे भी उतनी ही चौड़ी सडक़ मिलेगी। ताकि, यातायात सुचारु रूप से संचालित हो सके। इसके साथ ही सहायक सडक़ों से फ्लाईओवर में आवाजाही के लिए साइड ब्रांच भी होंगी। गोल बाजार, रानीताल से गढ़ा मार्ग, महानद्दा मार्ग पर भी साइड ब्रांच होगी।
यह है स्थिति
100 फीट गहराई तक की गई स्वाइल टेस्टिंग
767 करोड़ निर्माण लागत
36 महीने में 5 जुलाई तक पूरा होना है काम
160 पीयर पर बनेगा फ्लाईओवर
केबल स्टे ब्रिज में स्टील की रस्सी की जाएगी उपयोग
आकर्षक बो स्टे ब्रिज होगा रानीताल क्षेत्र में
सेग्मेंटल कांक्रीट का बनेगा कुछ स्ट्रक्चर
दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर में आकर्षक बो स्टे ब्रिज, केबल स्टे ब्रिज खास होंगे। इसके साथ फ्लाईओवर पर रोटरी प्रदेश में पहली बार बनाई जाएगी। फ्लाईओवर मेंं मजबूती के साथ आधुनिक इंजीनियरिंग भी देखने मिलेगी।
– गोपाल गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, पीडब्लूडी