
10 lakh rupees robbed in broad daylight in Mhow in MP- demo pic
Dangerous trend : शहर के विजय नगर थाना क्षेत्र में अनाज व्यापारी के मुनीम से हुई 19 लाख रुपए की सनसनीखेज लूट में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वारदात दो सगे भाईयों ने की थी। उन पर कर्ज चढ़ गया था तो लूट की साजिश रच डाली। पुलिस उनकी तलाश करती रही और दोनों लेनदारों के खाते में रुपए जमा कराते रहे। शहर में अपराध का यह नया ट्रेंड है। पुलिस के गिरफ्तार किए जाने तक वह 4 लाख रुपए ठिकाने लगा चुके थे। 14.71 लाख रुपए बरामद हुए।
यह वारदात 19 नवम्बर को दिनदहाड़े हुई थी। अनाज कारोबारी के मुनीम विकास साहू ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह किसानों को भुगतान करने के लिए 19 लाख रुपए निकालकर कृषि उपज मंडी की ओर जा रहा था, तभी स्कूटर सवार दो लोगों ने रॉड से हमला किया और रकम से भरा थैला लूटकर फरार हो गए। पुलिस को शक पेशेवर गिरोह पर था, लेकिन आरोपी निकले दो सगे भाई। सीसीटीवी से पहचान की गई तो आरोपी ग्रीन सिट निवासी ऋषि मनवानी और मोहित मनवानी निकले। उनकी हरकतें देखकर पुलिस भी चौंक गई, क्योंकि इससे पहले का उनका कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं पाया गया। दोनों को लूट और हमला की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार दोनों को ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो कैश इधर-उधर करता हो। कई दिन की रेकी के बाद में उन्हें पता चला कि मंडी में नकद लेन-देन खूब चलता है। इसलिए प्लान बनाकर कई बार वहां से गुजरकर पूर्वाभ्यास किया। फिर साहू के आते ही उसे निशाना बनाया। भीड़ में पकड़े जाने का डर था, लेकिन पहले से ही रिहर्सल किए जाने से वे वारदात के बाद बच निकले। एडिशनल एसपी आयुष गुप्ता ने बताया कि घटना में उपयोग की गई फोल्डिंग रॉड और 2 मोबाइल जब्त किए गए हैं। पुलिस दोनों की रिमांड भी ले रही है। ताकि आगे की तहकीकात पूरी की जा सके।
आरोपियों ने स्वीकारा कि वे एक सप्ताह पहले एचडीएफसी बैंक गए थे, जहां विकास को इतनी बड़ी रकम निकालते देखा था। लालच में आकर दोनों ने साजिश की और कई दिनों तक रैकी की, दो बार नाकाम हुए, लेकिन तीसरी बार लूट को अंजाम देने में सफल हुए। विजय नगर थाना प्रभारी वीरेंद्र पवार के अनुसार एसआई विजेंद्र तिवारी सहित टीम ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच की।
वारदात के बाद दोनों घर नहीं गए बल्कि शहर में ही घूमते रहे, ताकि पुलिस को भ्रमित कर सकें। लूटी गई रकम से दोनों ने क्रेडिट कार्ड बिल, उधारी और व्यापारियों के पैसे ऑनलाइन चुका दिए। छह साल पहले दोनों भाई परिवार के साथ सीधी से जबलपुर आए थे। अमखेरा में कॉपी और रजिस्टर बनाने का छोटा कारखाना खोला, लेकिन कारोबार में घाटा बढ़ता गया। पिता की बीमारी से खर्च बढ़े और आर्थिक दबाव बढ़ता गया। इसके बाद दोनों ने गलत रास्ता चुन लिया।
Published on:
22 Nov 2025 12:22 pm
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