हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
जबलपुर•May 15, 2019 / 12:02 am•
prashant gadgil
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जबलपुर। मंगलवार को राज्य सरकार ने मप्र हाईकोर्ट को बताया कि जबलपुर शहर में बेलगाम ऑटो संचालन को व्यवस्थित करने के लिए जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने दिल्ली की एक एजेन्सी को काम दिया है। सरकार ने ऑटो रिक्शों की धमाचौकड़ी पर अंकुश लगाने के लिए तीन माह का समय मांगा। जस्टिस आरएस झा व जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
ऑटो चालकों की परिस्थितियों पर होगी रिसर्च
उप महाधिवक्ता प्रवीण दुबे ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली की एजेन्सी जबलपुर शहर में ऑटो के रूट का निर्धारण करेगी। एजेन्सी यह भी तय करेगी की किस रूट पर कितने ऑटो चलेंगे। ऑटो चालकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन किया जाएगा। एजेंसी को यह पूरा काम करने में तीन माह लगेंगे। इस दौरान जबलपुर आरटीओ संतोष पाल भी मौजूद थे।
यह है मामला
दो विभिन्न जनहित याचिकाओं व एक अवमानना याचिका में कहा गया कि शहर में चल रहे ऑटो रिक्शा कॉंट्रैक्ट कैरिज परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। इन अवैध ऑटो रिक्शों व इनकी धमाचौकड़ी पर नियंत्रण करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऑटोरिक्शों की मनमानी पर लगाम लगाई जाए। ओवरलोडिंग रोकी जाए। किराया सूची सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाए। जगह-जगह सवारियां चढ़ाने-उतारने की बजाय रुट व स्टॉप फिक्स किए जाएं। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कहा कि शहर में 5 हजार अवैध ऑटो चल रहे हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ अवैध ऑटो के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
मनमानी कर रहे ऑटो रिक्शा
कोर्ट ने गत सुनवाई में भी राज्य सरकार की कार्रवाई को नाकाफी बताया था। कहा था कि पूरे शहर में मॉडीफाइड ऑटो रिक्शे दौड़ रहे हैं। अतिरिक्त सवारियां ठूंसं-ठूंस कर ढोई जा रही हैं। ऑटो रिक्शा वाले मनमानी तरीके से कहीं भी रोक रहे हैं। भाड़ा तालिका समुचित व निर्देर्शित जगहों पर नहीं लगाए गए हैं। निर्धारित रूट के मुताबिक ही ऑटो रिक्शों का संचालन किया जाए। कलर कोडिंग व रूट नियमों का सख्ती से पालन हो। एेसा न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।