
diwali crackers
जबलपुर. नर्मदा और हरियाली के आंचल में बसे शहर की आबोहवा में तेजी से ‘जहर’ घुल रहा है। इस बात का इशारा एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट कर रही है। अक्टूबर में एक्यूआइ लगातार बढ़ा है। चिंताजनक बात यह है, औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण में अधिक अंतर नहीं आया, लेकिन रहवासी क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता तेजी से खराब हुई है। रहवासी इलाकों में महीने की शुरुआत में एक्यूआइ 67 पर था, जो बढकऱ 79 हो गया है। लगातार बढ़ रहा एक्यूआइ अब हवा की शुद्धता के संतोषजक स्तर की रेखा लांघने के करीब पहुंच गया है। ऐसे में थोड़ा सम्भलने की जरूरत है। हवा और दूषित नहीं हो, इसलिए दिवाली पर पटाखें सम्भलकर जलाएं। पीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार हवा में मिलने वाले धूल के कणों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। अक्टूबर में सिर्फ चार दिन ऐसे आए, जब पीएम 2.5 कण इंडेक्स में अच्छे की श्रेणी में रहा।
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पीसीबी की रिपोर्ट... अक्टूबर में रहवासी क्षेत्रों में एक्यूआइ में लगातार वृद्धि, 67 से 79 पर पहुंचा
प्राणवायु में घुल रहा जहर, आतिशबाजी में बरतें संयम
स्वास्थ्य के लिए खतरा
वैज्ञानिकों के अनुसार दीपावली में जलाए जाने वाले पटाखों का धुआं हवा में घुलता है। इस माह दीपावली का त्योहार है। ऐसे में अधिक मात्रा में आतिशबाजी करने से प्रदूषण का स्तर और बढऩे की आशंका है। एक्यूआइ का औसत अभी 85 से ऊपर बना हुआ है। दीपावली पर पटाखों के प्रदूषण से एक्यूआइ सुरक्षित स्तर को पार कर सकता है। इससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार अस्थमा, त्वचा, आंख और सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए बढ़ रहा प्रदूषण
विशेषज्ञों के अनुसार शहर और आस-पास के क्षेत्रों में हरियाली लगातार कम हो रही है। सडक़ों के विस्तार के लिए वृक्षों को काटा जा रहा है। रहवासी क्षेत्रों में कांक्रीट का जाल बढ़ा है। सडक़ों पर बड़ी संख्या में जहरीला धुआं छोडऩे वाले खटारा वाहन भी दौड़ रहे हैं। इसके अलावा चारों तरफ चल रहे निर्माण कार्यों में उड़ रही धूल से भी शहर का वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
Updated on:
01 Nov 2018 11:06 am
Published on:
01 Nov 2018 10:54 am
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