
donkey student ban for teachers
कटनी। प्रदेश सरकार के एक और आदेश ने 'मास्साब' की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। प्रताडऩा को रोकने दिए गए इस आदेश के तहत विद्यार्थियों को अब शिक्षक स्कूलों में 'गधा' भी नहीं कह पाएंगे। यदि 'गधा' शब्द का इस्तेमाल किया और बच्चे ने शिकायत कर दी तो शिक्षक को नौकरी से हाथ तक धोना पड़ सकता है। स्कूलों में छात्र-छात्राओं के साथ होने वाली अभद्रता, दुव्र्यवहार, शारीरिक या मानसिक प्रताडऩा पर रोक लगाने शासन ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, आदिवासी आयुक्त, जिला शिक्षाधिकारी व राज्य शिक्षा केंद्र को आदेश दिए है।
सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में समय-समय पर कक्षा, परिसर या स्कूल के नजदीक छात्र-छात्राओं के साथ दुव्र्यवहार, प्रताडऩा या मारपीट जैसी घटनाएं सामने आती रही हैं। इसके बाद शासन से सरकारी व सीबीएसई स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्णय लिया है। अब ऐसे छात्र-छात्राएं जो किसी वजह से अपने शिक्षकों से परेशान हैं, अपनी शिकायत सीधे तौर पर बोर्ड से कर सकेंगे। वे स्कूल में अपने साथ होने वाले दुव्र्यवहार या प्रताडऩा की ऑनलाइन या लिखित में शिकायत कर सकेंगे। शिकायत के बाद मामले की जांच होगी। यदि शिक्षक जांच में दोषी पाया जाता है तो उसे नौकरी से हटा दिया जाएगा।
ये है शिकायतों की कैटेगरी
- बुरे या बिगड़े नाम लेकर पुकारना।
- एकांत या खुलेआम डांट-फटकार व दुव्र्यवहार करना।
- चिढ़ाना, चिढ़ाकर व्यवहार या संवाद करना।
- शारीरिक हाव-भाव के जरिए डराना, धमकाना और गंदे इशारे करना।
- व्यवहार को बिगाड ़कर प्रचारित करना या अफवाहें प्रसारित करना।
- अन्य छात्रों से अलग व्यवहार व लगातार अपमानित करना।
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Published on:
27 Dec 2017 11:42 am
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