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नरसिंह मंदिर में घुला मंत्रों का सम्मोहन, मुग्ध हुए लोग, देखें वीडियो

शास्त्रीब्रिज स्थित नृसिंह मंदिर में धूमधाम से मनाया गया नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज का जन्मोत्सव

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जबलपुर। शास्त्री ब्रिज स्थित नरसिंह मंदिर का दृश्य गुरुवार को कुछ हटकर था। पूरा परिसर दुल्हन की तरह सजा हुआ था। हर तरफ अनुष्ठान और वैदिक मंत्रों की गूंज थी। वैदिक ऋचाओं और संगीत का संगम श्रद्धालुओं को मुग्ध कर रहा था। अवसर था नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज के जन्म समारोह का। इस अवसर भक्ति संकीर्तन हुआ। संतों और अन्य वक्ताओं ने महाराजश्री की दीर्घायु की कामना की। उत्सव का माहौल रात तक बना रहा।

परोपकार में ही जीवन की सार्थकता
जन्म समारोह पर आयोजित धर्म सभा में नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज ने कहा कि परमात्मा ने मानव जीवन के रूप में हमें ऐसा उपहार दिया है, जिससे हम कई जन्मों की भूल को सुधारकर सद्गति को पा सकते हैं। इसका एक ही साधन है। परमार्थ और परोपकार। वेद-शास्त्रों में परोपकार को ही सबसे बड़ा धर्म बताया गया है। हमें सदैव परमार्थ के लिए आगे रहना चाहिए। यही पूंजी है जो हमारे साथ जाती है। उन्होंने कहा कि भक्तों का हाथ और संतों का साथ मिल जाए तो व्यक्ति के जीवन में खुशहाली ही खुशहाली रहती है। जन्मोत्सव पर आयोजित सम्मान समारोह में संतों का सानिध्य और शिष्यों का मान पाकर नरसिंह मंदिर परिवार आल्हादित है।

संतों का जन्म कल्याण के लिए
जगद्गुरु के सम्मान समारोह में पहुंचे सिद्ध संत बाबा कल्याणदास जी महाराज ने कहा कि संतों का जन्म जन के लिए होता है। जिस तरह नदी अपने जल को नहीं पीती, पेड़ अपने फल नहीं खाते। उनका उद्देश्य परमार्थ होता है। वैसे ही संतों का जीवन समाज के कल्याण के लिए होता है। नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज इस भावना को चरितार्थ भी कर रहे हैं। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर अखिलेश्वरानंद, स्वामी गिरीशानंद, स्वामी मुक्तानंद, स्वामी चैतन्यानंद, साधवी ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी पगलानंद, डॉ. स्वामी नरसिंहदास, स्वामी मुकुंददास, स्वामी राधेचैतन्य, स्वामी रामबहादुर समेत अन्य संत मंचासीन रहे।

इन्होंने किया सम्मानित
जन्मोत्सव कार्यक्रम की श्रंखला में कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी, एसपी शशिकांत शुक्ला, विधायक तरुण भनोत, पूर्व सांसद जयश्री बैनर्जी, पूर्व मंत्री चन्द्रकुमार भनोत, पं. वासुदेव शास्त्री, पं. रोहित दुबे, पं. अनूपदेव शास्त्री, प्रभात साहू, श्याम साहनी, संजय यादव, जगत बहादुर सिंह अन्नू, अशोक मनोध्या, ठाकुर रणधीर सिंह, कृष्णा बेहुरे, सुरेन्द्र सिंह, शिवकुमार वाजपेयी, प्रकाश मिश्रा, माधव प्रसाद झारिया, हैप्पी परमार, डॉ. बीके मिश्रा, अमित खंपरिया, दिलीप पटेल, जगदीश, सरला सिंह ठाकुर, श्रीमती उमा ठाकुर, कृष्णा ठाकुर, ठाणेश्वर महावर, प्रदीप पी गुप्ता, रूपेश नायक, मयंम उपाध्याय, शैलेन्द्र गौतम, पुरुषोत्तम लाल केशरवानी, हरिवंश प्रसाद केशरवानी, उमेश पाण्डे, पिंकी मुदगल, संजय होलकर, बबलू सिंह, सुनील खंपरिया आदि ने जगद्गुरु को सम्मानित किया।