24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सैंकड़ों साल पुराना एमपी का यह देवी मंदिर है सिद्धपीठ

नवरात्र के दौरान लाखों श्रद्घालु माता के दरबार में पहुंचते हैं

2 min read
Google source verification
Durga Ashtami 2018 Navratri Puja Vidhi Mantra and Muhurat

Durga Ashtami 2018 Navratri Puja Vidhi Mantra and Muhurat

जबलपुर। रविवार से शुरु हो रहे चैत्र नवरात्र को लेकर देवी मंदिरों में तैयारियां तेज हो गयी हैं। देर रात तक काम कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार तेवर के विख्यात माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। यह सैंकड़ों साल पुराना मंदिर सिद्धपीठ के रूप में जाना जाता है।


लाखों भक्तों के लिए इंतजाम
नवरात्र के दौरान इस मंदिर में हर साल लाखों भक्त देवी पूजन के लिए आते हैं। बताया जा रहा है कि नवरात्र में करीब 6 लाख श्रद्घालु माता के दरबार में पहुंचते हैं। इस बार तो यह संख्या और बढऩे की आस है। नवरात्र के पहले दिन रविवार होने के कारण इस बार मंदिर में लगभग एक लाख श्रद्घालुओं के आने का अनुमान जताया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में आनेवाले भक्तों को देखते हुए मंदिर कमेटी विशेष प्रबंध कर रही है। नवरात्र के दौरान मंदिर के पट सुबह 4 बजे खुलेंगे। श्रद्घालुओं को सुबह 4 बजे से 6.30 बजे तक माता को जल चढ़ाने की सुविधा दी जाएगी। नवरात्र के दौरान सुबह 8 बजे व शाम 7 बजे महाआरती का आयोजन किया जाएगा।


बनाए दो रास्ते
इस बार मंदिर में भीड़ के कारण जाम की स्थिति न बने, इसके लिए दो वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की गई है। एक मार्ग हनुमान टेकरी से तेवर बस्ती के अंदर से होते हुए मुख्य मार्ग पहुंचेगा। दूसरा मार्ग बगलामुखी मंदिर के पीछे से होते हुए सीधे कूडऩ मेन रोड पहुंचेगा। मंदिर में इस बार प्लास्टिक के दोना-पत्तल को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहां स्टील की थालियां व प्लेटों में भंडारा और प्रसाद वितरण किया जाएगा।


४०० घट स्थापना
मंदिर में इस बार करीब 500 ज्योति प्रज्ज्वलित की जाएंगी साथ ही 400 घटों की स्थापना की जाएंगी। भक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन कमेटी ने शुद्घ खोवा के पेड़ों के प्रसाद की व्यवस्था की है। श्रद्घालुओं को मंदिर में 100 ग्राम, 200 ग्राम और 500 ग्राम के प्रसाद के पैकेट उपलब्ध कराए जाएंगे। मंदिर कमेटी ने दिव्यांगों के लिए माता के दर्शन करने रैंप की व्यवस्था की है।