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मप्र के इस शहर में करोड़ों के हीरे, सोना चांदी के असली गहने पहनती हैं दुर्गा माता की प्रतिमाएं

मप्र के इस शहर में करोड़ों के हीरे, सोना चांदी के असली गहने पहनती हैं दुर्गा माता की प्रतिमाएं

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gold and silver jewelry

gold and silver jewelry

gold and silver jewelry : संस्कारधानी का नवरात्र पर्व और दशहरा चल समारोह पूरे देश में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है। डेढ़ दशक में यहां मिट्टी की मूर्तियों को असली सोना चांदी के गहनों से सजाने का चलन बढ़ गया है। पहले जहां कुछ दुर्गा प्रतिमाओं का शृंगार ही असली गहनों से किया जाता था। वहीं अब कई समितियां अपने सामर्थ्य के अनुसार गहने बनवाने लगी हैं।

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gold and silver jewelry : हर साल बढ़ रहा चलन

सराफा कारोबारियों के अनुसार पिछले 15 साल में दुर्गा प्रतिमाओं के शृंगार में उपयोग होने वाले गहनों, मुकुट, छत्र सहित अन्य साज सज्जा के सामान असली सोना चांदी से बनवाने का चलन बढ़ गया है। पहले सुनरहाई, नुनहाई में स्थापित होने वाली प्रतिमाओं का शृंगार ही सोना चांदी के गहनों से किया जाता था। अब अन्य कई समितियां भी अपनी माता को भव्य रूप प्रदान करने के लिए गहने बनवाने लगे हैं। पांच साल में करीब बीस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।

gold and silver jewelry : भारी छत्रों की डिमांड बढ़ी

माता के आकर्षक छत्रों का चलन दो साल से खूब बढ़ा है। हल्के छत्रों की अपेक्षा चार से दस किलो वाले छत्रों की मांग इस बार सबसे ज्यादा देखी जा रही है।

gold and silver jewelry : अलग से मंगवा रहे ज्वेलरी

सराफा बाजार में माता के शृंगार के लिए अब अलग से ज्वेलरी बुलवाई जा रही है। जो साइज में बड़ी व दुर्गा प्रतिमाओं के अनुरूप डिजाइन होकर आ रही हैं। एक से 10 लाख रुपए तक के गहने जबलपुर में दुर्गा समितियां खरीद रही हैं। कई ने ऑर्डर देकर कस्टमाइज डिजाइन में माता के गहने बनवाने के ऑर्डर दिए हैं, जिनकी डिलेवरी बैठकी के आसपास होगी।

gold and silver jewelry : गहनों के साथ तलवार भी चढ़ा रहे भक्त

सराफा कारोबारियों के अनुसार शहर की दुर्गा प्रतिमाएं लगभग एक से सवा टन चांदी के और दस से बारह किलो सोने के गहने धारण करती हैं। माता के गहनों में उनका मुकुट, चक्र, पायल, तलवार, करधन, चूड़ी, अंगूठी, नथ, बेंदी, मांग टीका, बिंदी, तोड़ल, छत्र सहित अन्य शामिल हैं। इसके अलावा हीरे मोती और माणिक का भी माता के गहनों में उपयोग किया जा रहा है।