
प्रतीकात्मक तस्वीर
Electricity Distribution Company : मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के सवा करोड़ से अधिक कीमत के 250 ट्रांसफार्मर गायब हो गए हैं। किसानों को किराए पर दिए जाने के लिए कम्पनी ने इन्हें अलग-अलग जिलों में भेजा था। हाल में जब यह मामला सामने आया, तो हड़कंप मच गया। अब कम्पनी स्तर पर अफसरों को पत्र लिखकर ट्रांसफार्मरों के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसमें गड़बड़झाले की भी आशंका है।
किसानों को सिंचाई के लिए अस्थाई कनेक्शन देते वक्त कम्पनी द्वारा ट्रांसफार्मर भी किराए पर दिए जाते हैं। इसके लिए एक निश्चित राशि जमा कराई जाती है। समय पूरा होने के बाद ट्रांसफार्मर को वापस स्टोर रूम में जमा करना होता है।
मामला सामने आने के बाद वितरण कम्पनी के वर्क्स सीजीएम ने उक्त जिलों के ओएंडएम के अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखा है। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि यदि ट्रांसफार्मर स्टोर नहीं पहुंचे, तो इसकी जिम्मेदारी ईई की होगी। इस पूरे मामले में अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। यह भी आशंका जाहिर की जा रही है कि अधिकारियों ने किसानों को किराए पर ट्रांसफार्मर तो दिए, लेकिन वापस नहीं लिया।
हाल ही में खुलासा हुआ कि वितरण कम्पनी के संचारण एवं संधारण वृत्त टीकमगढ़ के तीन संभागों द्वारा किराए पर दिए गए 103 ट्रांसफार्मर वापस नहीं लौटे। वहीं छतरपुर से 21, छिंदवाड़ा से 38, दमोह से तीन, कटनी से एक, मंडला से दो, पन्ना से 27, सागर से 34, सिवनी से 20 ट्रांसफार्मर स्टोर में जमा नहीं कराए गए।
अधिकारी गर्मी से पहले ट्रांसमिशन लाइनों का मेंटेनेंस कर लें, जिससे आंधी-बारिश के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित नहीं हो। ये निर्देश शुक्रवार को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के एमडी सुनील तिवारी ने दिए। वे ट्रांसमिशन कम्पनी के मुख्यालय में त्रैमासिक रिव्यू मीटिंग ले रहे थे। उन्होंने रबी सीजन में ट्रांसमिशन लाइनों और सब-स्टेशनों पर लोडिंग की समीक्षा की। वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा कर कार्यों की वर्क वाइस मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के लिए कहा। रिव्यू मीटिंग में ट्रांसको के मुख्यालय स्थित सभी विभागों के अध्यक्ष, प्रदेश के अधीक्षण अभियंता स्तर तक के अधिकारी मौजूद रहे।
Published on:
21 Dec 2024 01:33 pm
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