5 जून को होगा सर्वेक्षण का समापन
मप्र जन अभियान परिषद जिला समन्वयक घनश्याम रायपुरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के माध्यम से नर्मदा परिक्रमा पथ का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिले में 42 पंचायतों में जाकर कार्यकर्ता जानकारी जुटा रहे हैं। यह काम 25 मई से किया जा रहा है। 5 जून को इसका समापन होगा। यह भी पढ़े –
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सालभर लाखों की संया में भक्त नर्मदा किनारे पैदल परिक्रमा करते हैं। इस दौरान उन्हें नर्मदा का अद्भुत स्वरूप देखने मिलता है। ज्यादातर मार्ग पगडंडियों के रूप में है। हालांकि अतिक्रमण के कारण कई जगह यात्रियों को 20-30 किमी दूर से फेरा करना पड़ता है, उसके बाद ही दर्शन हो पाते हैं। पौराणिक यात्रा के नियमानुसार उन्हें रोजाना ही नर्मदा के दर्शन होने चाहिए। इसके लिए ही नर्मदा किनारों से लग कर ही पारंपरिक मार्ग बना था।
संरचनाएं बदलीं
परिक्रमा पथ में जंगल, पहाड़ और खेत-खलिहान से लेकर तमाम प्रकार की प्राकृतिक संरचनाएं शामिल थीं। अब उनमें बड़ा बदलाव आया है। कहीं पर खेती होने लगी है तो कई जगह बाड़ लगा दी गई है। कुछ स्थानों पर सड़क निकल गई हैं। कुछ पक्के कच्चे निर्माण हो गए हैं। नर्मदा भक्तों की सेवा के लिए किसी ने भवन बनाया दिया था तो किसी ने धर्मशाला। अब यह उनसे दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में परिक्रमापथिक पौराणिक घाटों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह भी पढ़े –
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मप्र जन अभियान परिषद सर्वे रिपोर्ट में सभी 16 जिलों की जानकारी जुटाएगी। उसका विश्लेषण किया जाएगा। शासन के सहयोग से परंपरागत परिक्रमा पथ को सुदृढ़ और सुगम बनाने की योजना बनेगी। जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी जिनकी जरुरत परिक्रमावासियों को होती है।
उत्तर तट का सर्वे पूरा
सर्वेक्षण से कई प्रकार की जानकारियां जुटाई जा रही हैं। पहले उत्तर तट का सर्वेक्षण किया, अब दक्षिण तट में किया जा रहा है। इसमें शहपुरा की 22 और जबलपुर तहसील की 20 ग्राम पंचायतों के प्रबुद्धजन एवं बुजुर्गों से परिक्रमा पथ की जानकारी ली जा रही है। सभी की सहमति से एक प्रपत्र भरा जा रहा है।