अंतिम संस्कार की ये प्रथा आज भी तिब्बत, किंघई और इनर मंगोलिया के इलाकों में पालन होता है। इस प्रथा के अनुसार, इंसान की मृत्यु के बाद उसके शरीर को छोटे टुकड़ों में काट कर पहाड़ की चोटी पर रख दिया जाता है जिसे जानवर, पक्षी सेवन करते हैं। तिब्बत और इनर मंगोलिया में वज्रयान बौद्ध धर्म को मानते हैं, जिसकी मान्यता है कि मरने के बाद इंसान के शरीर का कोई काम नहीं होता।